प्रोफ़ेसर एलन वुडवर्ड ब्रिटेन के सरे विश्वविद्यालय के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ हैं. उन्होंने अंतरिक्ष उद्यमी एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक की नई सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के बारे में कुछ जानकारियां देते हुए कहा कि इंटरनेट में आ रही रुकावटों पर उनकी राय में यह “शरारती कबूतरों” के चलते हुआ था, जो “डिश पर बैठने के आदी हो चुके हैं.” भूरे रंग का छोटा डिश जो उनके किचन की छत पर लगा है, वह उत्सुक कबूतरों के लिए नहाने वाला आधुनिक बाथ टब जैसा दिखता है. स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सिस्टम के लिए यह डिश ही पृथ्वी वाला छोर है. प्रो. वुडवर्ड कहते हैं कि ऐसे स्थान पर जहां फाइबर ब्रॉडबैंड कनेक्शन एक ‘सपना’ हो, वहां उन्हें ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सिस्टम के बीटा टेस्टर में से एक होने की खुशी है. एलन मस्क ने हाल ही में घोषणा की थी कि उन्होंने ब्रॉडबैंड के लिए सैटलाइट सिग्नल पकड़ने वाले 1,00,000 टर्मिनल भेजे हैं।
यह छोटा-सा डिश अंतरिक्ष में घूम रहे सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त करता और उन्हें पृथ्वी पर भेजता है. स्पेसएक्स ने ऐसे 1,700 सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में स्थापित किया है, जो पृथ्वी से क़रीब 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर तेज़ी से घूम रहे हैं. ये हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगा रहे हैं. प्रो. वुडवर्ड अभी भी गड़बड़ियों के असल कारणों की जांच कर रहे हैं. हालांकि एक विशेषज्ञ ने बीबीसी को बताया कि “स्टारलिंक के एंटीना पर बैठा कोई कबूतर निश्चित तौर पर इंटरनेट सेवा को ख़राब कर देगा.”लेकिन समस्या केवल कबूतर ही नहीं हैं. इस सप्ताह, एक और बड़ी बाधा ने पूरी दुनिया के स्टारलिंक उपभोक्ताओं को परेशान कर दिया. प्रो. वुडवर्ड कहते हैं, “कुछ वक्त के लिए कनेक्शन पूरी तरह ग़ायब हो गया है.”आधिकारिक तौर पर अभी इस सेवा का बीटा टेस्टिंग चल रहा है, कई उपभोक्ताओं के लिए क़रीब एक घंटे तक पूरी तरह बंद हो गई. लेकिन स्टारलिंक ने अभी तक इसका कारण नहीं बताए हैं.
आने वाला ख़र्च कितना?
प्रो. वुडवर्ड मुझसे कहते हैं, “यह बहुत महंगा है. बीटा टेस्टर को इसके उपकरण खरीदने के लिए क़रीब 500 पाउंड देना पड़ता है. इसके बाद हर महीने 89 पाउंड का ख़र्च आता है.”नई तकनीक ख़रीदने का दर्द हमेशा इसके शुरुआती उपभोक्ता उठाते हैं, पर बाद में वे पाते हैं कि यह सस्ती और सुलभ हो गई है.इसी हफ़्ते मिस शॉटवेल ने बताया था कि इस साल के अंत तक, डिश के नए मॉडल की कीमत आधी रह जाएगी.हालांकि, प्रो. वुडवर्ड ने बताया कि स्टारलिंक का उपयोग उन्हें आसान लगता है. वे कहते हैं, “मैंने इसे पहले किचन की छत पर लगाया था, क्योंकि यह अकेली सपाट छत थी और वहां पहुंचना आसान था. स्टारलिंक एक ऐप देता है, जो बताता है कि डिश के लिए कोई रुकावट तो नहीं है. इससे घंटों की भाग-दौड़ से बचा जा सकता है और इसके लिए आसानी से सबसे अच्छी जगह चुनी जा सकती है.”वे कहते हैं कि “राउटर से जोड़ने के बाद कुछ मिनट मुश्किल हुई. लेकिन इसके बाद मुझे तेज़ इंटरनेट मिलने लगा.”प्रो. वुडवर्ड कहते हैं, “इसकी औसतन डाउनलोड स्पीड लगभग 150-200 एमबीपीएस और अपलोड स्पीड 10-20 एमबीपीएस है।
इसमें छोटे ड्रॉपआउट होते हैं, पर इससे कोई प्रोग्राम नहीं रुकता.”इस साल फरवरी में, एलन मस्क ने ट्वीट किया था कि स्टारलिंक अपनी टॉप स्पीड दोगुना करके 300 एमबीपीएस कर लेगी. हालांकि इसके उपभोक्ताओं को कैसी सेवा मिल पाएगी, यह कई कारकों पर निर्भर करेगा.पहला, विशेषज्ञों के अनुसार, आसपास कितने और डिश होंगे. स्टारलिंक वर्तमान में हर कवरेज क्षेत्र में उपभोक्ताओं की संख्या को सीमित ही रखती है. कंपनी की योजना और ऐसे लाखों सैटेलाइटों को लॉन्च करने की है. हालांकि स्टारलिंक का संचालन करने वाली एयरोस्पेस कंपनी ‘स्पेसएक्स’ के अध्यक्ष ग्वेने शॉटवेल ने बताया है कि नई लॉन्चिंग, चिप और लिक्विडऑक्सीजन ईंधन की कमी के चलते प्रभावित हो रही है. असल में कोविड-19 रोगियों के इलाज के चलते व्यावसायिक ऑक्सीजन की मांग इन दिनों बढ़ गई है. इससे ईंधन के लिए इस्तेमाल होने वाले ऑक्सीजन की कमी हो गई है.