- नई दिल्ली || भारत खबर
क्षुद्रग्रह ‘2011 ES4’ 1 सितंबर यानी धरती के बेहद करीब से होकर गुजरा लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि किसी तरह का कोई नुकसान धरती पर नहीं कर सका। हैदराबाद के बिड़ला साइंस सेंटर के अनुसार क्षुद्रग्रह पृथ्वी से 1.2 लाख किमी दूर होने का अनुमान है। यह चंद्रमा से 3.84 लाख किमी दूर है जो पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है।
बिड़ला साइंस के निदेशक डॉ डी सिद्धार्थ ने कहा कि, 1908 में भी एक ऐसा ही छुद्रग्रह पृथ्वी के बेहद समीप आया था, माना जाता था कि एक धूमकेतु साइबेरिया के तुंगुस्का नामक स्थान पर आ गई थी। इस बार भी क्षुद्रग्रह ‘2011 ES4’ के पृथ्वी के समीप आ जाने से एक खतरा पैदा हो गया है। लेकिन यह एक दुर्लभ संभावना है और इसके बारे में परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।
यह पहली बार 2011 में खोजा गया, यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से हर नौ साल में गुजरता है। पिछली बार जब यह एक पृथ्वी के निकट आया तो यह चार दिनों के लिए हमारे पृथ्वी से दिखाई दे रहा था। 2011 में खोजे गए इस एस्टेरॉइड 2011ES4 को 1.14 साल में एक चक्कर लगाना पड़ता है, इसकी कक्षा सिर्फ 9 साल में एक बार हमारे करीब लाती है। लेकिन एक सितंबर की होने वाली घटना से पृथ्वी की किसी आर्टिफिशियल सैटेलाइट को इससे बिल्कुल भी खतरा नहीं है।
पृथ्वी के वायुमंडल के संपर्क में आते ही इस एस्टेरॉइड 2011ES4 के टूट कर बिखर जाने की पूरी संभावना जताई जा रही है और अगर परसेंटेज में बात करें कि 0.41 फीसद संभावना ही धरती से टकराने की है।