नई दिल्ली। शिव सेना के राज्यसभा सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत भाजपा और देवेंद्र फड़नवीस को लेकर इतने गुस्से में क्यों हैं? वे लगातार हमलावर हैं। 24 अक्टूबर को नतीजे आने के बाद उन्होंने ही मोर्चा संभाला और ऐसी ऐसी बातें कहीं, जिसके बाद दोनों का साथ आना नामुमकिन सा हो गया।
अब अगर आगे कभी भाजपा और शिव सेना साथ आते हैं तब भी भाजपा नेताओं के साथ संजय राउत के संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं। सवाल है वे किसी निजी कारण से इतने नाराज हैं या शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनको इतने ही आक्रामक अंदाज में बात कहने के लिए अधिकृत किया था?
जानकार सूत्रों का कहना है कि उनकी निजी नाराजगी पहले है। असल में वे केंद्र सरकार में मंत्री बनने वाले थे। मई में नरेंद्र मोदी की दोबारा सरकार बनी तो शिव सेना की ओर से मंत्री पद के लिए उनका नाम था। पर भाजपा के नेताओं ने उसमें फच्चर डाला। पहले तो भाजपा ने कहा कि 18 सांसद होने के बावजूद शिव सेना को एक ही कैबिनेट मंत्री का पद मिलेगा। पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अनंत गीते इस बार चुनाव हार गए थे। सो, उनकी जगह एक नया चेहरा सरकार में जाने वाला था।