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महाभारत के योद्धाओं की हैरान कर देने वाली लंबी उम्र का रहस्य आपको सोचने पर मजबूर कर देगा..

age 1 महाभारत के योद्धाओं की हैरान कर देने वाली लंबी उम्र का रहस्य आपको सोचने पर मजबूर कर देगा..

महाभारत को दुनिया का सबसे बड़ा पुराण कहा जाता है। जो अपने आप में अनेकों रहस्य समेटे हुए है। तभी तो सदियां बित जाने के बाद भी लोग महाभारत जुड़े रहस्यों को जानना चाहते हैं।

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ऐसा ही एक रहस्या महाभारत के योध्दाओं की लंबी उम्र को लेकर भी है। जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि, भीष्म पितामह अपने समय में हस्तिनापुर के राजवंश के सबसे वयोवृद्ध व्यक्ति नहीं थे न ही महाभारत के युद्ध में इस वंश के सबसे वयोवृद्ध योद्धा ही थे।

इस राजवंश के सबसे वयोवृद्ध व्यक्ति महाराज शान्तनु के बड़े भाई बाह्लीक थे जो अपने पुत्र सोमदत्त और पौत्रों भूरि, भूरिश्रवा और शल के साथ धृतराष्ट्र की राजसभा में उपस्थित रहते थे और जो महाभारत के युद्ध के चौदहवें दिन अपने परपोते भीमसेन के हाथों मारे गये।

पुराणों की मानें तो महाभारत का युद्ध 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व हुआ था।तब भगवान श्री कृष्ण 55 या 56 वर्ष के थे। हालांकि कुछ विद्वान मानते हैं कि उनकी उम्र 83 वर्ष की थी।

महाभारत युद्ध के 36 वर्ष बाद उन्होंने देह त्याग दी थी। इसका मतलब 119 वर्ष की आयु में उन्होंने देहत्याग किया था।

महाभारत से जुड़ा एक रौचक तथ्य ये भी है कि, युद्ध के समय अर्जुन 55 वर्ष, कृष्ण 83 वर्ष और कम से कम भीष्म 150 वर्ष के थे।

उस काल में 200 वर्ष की उम्र होना सामान्य बात थी। बौद्धों के काल तक भी भारतीयों की सामान्य उम्र 150 वर्ष हुआ करती थी।

इसमें शुद्ध वायु, वातावरण और योग-ध्यान का बड़ा योगदान था। भीष्म जब युवा थे तब कृष्ण और अर्जुन हुए भी नहीं थे।

हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि सदियों पहले ऐसे कई देवपुरुष थे, जो सैकड़ों और हजारों वर्षों तक जीवित रहे थे।

पुराणों के अनुसार अश्‍वत्थामा, बालि, व्यास, जामवंत, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि के अलावा अन्य कई ऐसे लोग हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं।

क्या यह संभव है कि कोई व्यक्ति हजारों वर्ष तक जीवित रह सकता है? तो इसका जवाब है हां क्योंकि रामायण काल के परशुराम और जामवंत महाभारत में भी नजर आते हैं।

जो इस बात की तस्दीक करता है कि, उस समय लोग लंबा जिया करते थे।आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार मनुष्य की आयु लगभग 120 वर्ष बताई गई है लेकिन वह अपने योगबल से लगभग 150 वर्षों से ज्यादा जी सकता है।

कहते हैं कि प्राचीन मानव की सामान्य उम्र 300 से 400 वर्ष हुआ करती थी, क्योंकि तब धरती का वातावरण व्यक्ति को उक्त काल तक जिंदा बनाए रखने के लिए था।

पौराणिक और संस्कृत ग्रंथों के अनुसार भारत में ऐसे कई लोग हुए हैं, जो हजारों वर्षों से जीवित हैं। हिमालय में आज भी ऐसे कई ऋषि और मुनि हैं जिनकी आयु लगभग 600 वर्ष से अधिक होने का दावा किया जाता है।

तो देखा आपने इंसान की लंबी उम्र को लेकर जो दावे किये जाते हैं। वो किस तरह से सच हैं।
आज के समय में मनुष्य खराब वातावरण के चलते ज्यादा नहीं जी पाता है।

https://www.bharatkhabar.com/know-about-scientists-monitor-another-asteroid/

लेकिन अगर मनुष्य को सही वातावरण मिले तो वो महाभारत के वीरों की तरह लंबा जी सकता है।

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