टोक्यो पैरालंपिक में तकनीकी कारणों की वजह से डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक से वंचित रहे विनोद मलिक का लौटने पर रोहतक में ओलंपिक पदक विजेता जैसा सम्मान हुआ। स्थानीय किला रोड के दुकानदारों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान दुकानदारों ने विनोद कुमार की हौसला अफजाई की और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। दरअसल विनोद कुमार की पहले किला रोड की राधे राधे मार्केट में ही दुकान थी।
गौरतलब है कि रोहतक की छोटूराम कालोनी निवासी विनोद ने टोक्यो पैरालंपिक में एफ 52 क्लास में डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक जीत लिया था। लेकिन प्रतिद्वंद्वी ने विरोध जता दिया। फिर टोक्यो पैरालंपिक के तकनीकी प्रतिनिधि ने तय किया कि विनोद कुमार डिस्कस थ्रो के एफ 52 कैटेगरी के लिए योग्य नहीं हैं।
वहीं, विनोद मलिक ने सरकार से मांग की है कि उसे भी ओलंपिक पदक विजेता की तरह सम्मान मिले। पदक न मिलने में उसकी कोई गलती नहीं है। उसने पूरी मेहनत की और पैरालंपिक में भाग लिया। वह पिछले 5 साल से एफ 52 कैटेगरी में ही मेहनत कर रहा था। इसी आधार पर उसका टोक्यो पैरालंपिक के लिए चयन भी हुआ। विनोद मलिक का कहना है कि तकनीक की वजह से कांस्य पदक न मिल पाने में उसका कोई कसूर नहीं है। साथ ही मलिक ने बताया कि इस साल वह देश के लिए फिर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लेगा। वहीं, स्थानीय दुकानदारों और विनोद मलिक के टेªनर ने टोक्यो ओलंपिक में उपलब्धि को सराहा है।