जनपद के किच्छा तहसील के शान्तिपुरी गांव में रहने वाले 9वीं के छात्र चंदन ने अपने हुनर का लोहा मनवाया है। दरअसल चंदन 8वर्ष की आयु से कागज के गत्ते ओर टेप से खिलौने तैयार कर उन्हें बेच रहा है। वो महज एक से दो घण्टों में किसी भी तरह का खिलौना तैयार कर सकता है। जिसके हुनर को देख सभी लोग आश्चर्य चकित हो रहे हैं।
कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है छोटे से गांव शान्तिपुरी में रहने वाले 9वीं के छात्र चंदन ने। जिस उम्र में बच्चे खेलने कूदने का शोक रखते हैं उस उम्र से चंदन कागज के गत्तों को खिलौनों का आकार दे रहा है। चंदन का हुनर देख लोग आश्चर्य चकित हैं। उसकी इस काबिलियत को लोग खूब सराहा जा रहा है। चंदन अपने हुनर से कागज के गत्ते को हूबहू खिलौनों का रूप दे देता है।
16 वर्षीय चंदन अबतक कागज के गत्ते से कार, क्रेन, ट्रक, रोबोट, ट्रेक्टर, जेसीबी, बस तमाम खिलोनो को बना चूका है। 8 साल की आयु से ही चंदन कागज के गत्ते से खिलोने तैयार कर रहा है। अब तक वो सैकड़ों खिलोने बनाकर लोगों को 100 रुपये से 150 रुपये तक बेच भी चूका है।चंदन ने बताया कि वह आगे चल कर इंजीनियर बनना चाहता है।
8 वर्ष की आयु में ही बनाए खिलौनें
मुफलिसी में जिंदगी काट रहे चंदन के पिता ने बताया कि वह मज़दूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। बचपन में जब वो किसी के घर पर मज़दूरी करने जाया करते थे तो चंदन भी उनके साथ जाया करता था। वहां पर बच्चों के खिलौने देख वह भी खिलौने लाने की जिद किया करता था। लेकिन तब उनके पास खिलौने खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए चंदन ने 8 वर्ष की आयु में ही कागज के गत्तों से खिलोने बना कर खेलना शुरू किया। धीरे धीरे उसके द्वारा कई तरह के खिलौने बनाये। आसपास के लोगों को पता चला तो लोग भी देखने को पहुंचे। जिसके बाद लोग अपने बच्चों के लिए खिलौने खरीदने लगे। अब वो ढेड़ सौ से अधिक खिलौने बेच चूका है।
कागज के गत्ते और टेप से खिलौने तैयार
चंदन के घर में रखे कागज के गत्ते और टेप से खिलौने चंद घण्टों में तैयार कर देता है। वह कार महज आधे घण्टे में तैयार कर देता है। जबकि क्रेन, जेसीबी, ट्रक ओर रोबोट को बनाने में दो घण्टे का समय लेता है।
चंदन ने बताया खिलोने तैयार करने में 30 रुपये से लेकर 50 रुपये तक का खर्च आता है। जिसे वो आसानी से 50 रुपये से लेकर 100 रुपये में बेच देता है।