लखनऊ: पिछले कई महीने से दिल्ली के बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बड़ा ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा है कि वो आगामी मई महीने के पहले हफ्ते में संसद का घेराव करेगा।
5 अप्रैल को होगी FCI की घेरेबंदी
किसान मोर्चे ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि वो पांच अप्रैल को एफसीआई के दफ्तरों का भी घेराव करेगा। इसके बाद छह मई को देश भर से मिट्टी इकट्ठा की जाएगी। इस मिट्टी से एक शहीद स्मारक का निर्माण कराया जाएगा।
इसके बाद 10 और 11 अपैल को एक्सप्रेस-वे को बंद किया जाएगा। इस मौके पर कार्रवाई करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे को अगले 24 घंटे के लिए बंद भी करा दिया है। 13 अपैल को इसी एक्सप्रेस-वे पर किसान बैसाखी मनाएंगे।
‘शांतिपूर्ण होगा प्रदर्शन’
वहीं संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा कि उनका आगे का कार्यक्रम शांतिपूर्ण होगा और उसमें अराजकतत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिसने भी कोई गड़बड़ी की तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं उसकी होगी और उससे जुर्माना भी वसूल किया जाएगा।
दलित, मजदूर, महिलाओं को जोड़ेंगे
इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चे ने ये भी एलान किया है कि इस बार 26 जनवरी के जैसी कोई भी घटना नहीं होने दी जाएगी।
किसान मोर्चे ने कहा है कि 26 जनवरी को लालकिले पर जो घटना घटित हुई थी, उसको देखते हुए इस बार हम लोग सावधान हैं। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में अब किसानों के साथ-साथ मजदूर और महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा और दलितों की भी भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
कृषि कानून रद्द करने की मांग
गौरतलब है कि दिल्ली की तीन बार्डर सिंधु, टिकरी और गाजीपुर में किसान पिछले कई महीनों से डेरा जमाए हुए हैं। किसान केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि एमएसपी पर गारंटी मिले और इसके लिए कानून बनाया जाए। इन किसानों में ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान हैं।