यूपी बोर्ड। कोरोना महामारी की वजह से देश के हर क्षेत्र में देरी दिखाई दे रही है। जो काम पहले होने का था वो अब कोरोना महामारी की वजह से देरी से हो रहा है। जैसा कि सभी जानते है यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं आने को हैं। लेकिन अब तक कई बार परीक्षा कराने का कोई फैसला नहीं आया है। इसके साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए परीक्षा में कई तरह के बदलाव भी किए गए हैं। साथ ही सीबीएसई द्वारा 2021 की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों के ऐलान के बाद यूपीएमएसपी ने भी 2021 की बोर्ड परीक्षाओं को अप्रैल में कराने की अपनी तैयारी शुरु कर दिया है। सीबीएसई अपनी 2021 की बोर्ड परीक्षाएं 04 मई से कराने जा रहा है। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षाओं को अप्रैल में कराने का अंतिम निर्णय 14 जनवरी 2021 को होने वाली बैठक में लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार इस साल यूपी बोर्ड को 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए कुल मिलाकर करीब 56 लाख 03 हजार 813 परीक्षा फॉर्म प्राप्त हुए हैं।
पंचायत चुनाव होने के बाद होगी परीक्षा-
बता दें कि मार्च में यूपी में पंचायत के चुनाव होने हैं इसलिए सरकार बोर्ड की परीक्षाएं अप्रैल में कराने की योजना बना रही है। सीबीएसई द्वारा 2021 की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों के ऐलान के बाद यूपीएमएसपी ने भी 2021 की बोर्ड परीक्षाओं को अप्रैल में कराने की अपनी तैयारी शुरु कर दिया है। इस साल यूपी बोर्ड को 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए कुल मिलाकर करीब 56 लाख 03 हजार 813 परीक्षा फॉर्म प्राप्त हुए हैं। जिसमें से 10वीं कक्षा के लिए कुल 26 लाख 09 हजार 501 परीक्षा फॉर्म और 12वीं कक्षा के लिए कुल 29 लाख 94 हजार 312 परीक्षा फॉर्म प्राप्त हुए हैं। इस साल 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए कुल करीब 11 लाख 35 हजार 730 और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए कुल करीब 13 लाख 20 हजार 290 छात्राओं ने परीक्षा फॉर्म भरा है। वहीँ छात्रों की यह संख्या 10वीं कक्षा के लिए 14 लाख 73 हजार 771 और 12वीं कक्षा के लिए कुल करीब 16 लाख 74 हजार 022 है।
एक परीक्षा कक्ष में इतने स्टूडेंट्स बैठ सकेंगे-
इसके साथ ही कोविड-19 महामारी को देखते हुए 2021 की बोर्ड परीक्षा में कई बदलाव होने की संभावना है। जैसे कि जहां पिछले साल परीक्षा केन्द्रों की कुल संख्या 7 हजार 783 थी वहीँ इस साल 2021 में परीक्षा केन्द्रों की कुल संख्या 14000 के करीब होने की संभावना है। पिछली साल जहां एक परीक्षा केंद्र पर अधिकतम 1200 स्टूडेंट्स परीक्षा दे सकते थे वहीँ इस साल एक परीक्षा केंद्र पर अधिकतम 800 स्टूडेंट्स ही परीक्षा दे सकते हैं। इस साल एक परीक्षा कक्ष में केवल 14 से 15 स्टूडेंट्स ही परीक्षा में बैठ सकेंगे।