लखनऊ: उत्तर प्रदेश मोशन पिक्चर एसोसिएशन के तत्वाधान ने मशहूर नाटककार ,लेखक और व्यंगकार उर्मिल थपलियाल को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु सभा आयोजित की, जिसमे उत्तर प्रदेश के नाटक और फिल्म जगत के कई लोग सम्मलित हो कर उनको याद किया।
अभिनेता अनिल रस्तोगी ने दी श्रद्धांजलि
मशहूर फिल्म एवम नाट्य कलाकार डॉक्टर अनिल रस्तोगी ने उनको याद करते हुए कहा कि उर्मिल जी ने अपना सारा जीवन लोक नाटक को बचाने में लगा दिया और नौटंकी शैली पर उनकी जबरदस्त पकड़ थी साथ ही में वह लखनऊ में दर्पण के संस्थापक भी थे।
नाटक जगत को बड़ी क्षति-सुधीर हलवासिया
संस्था के विशेष आमंत्रित सदस्य सुधीर हलवासिया ने उर्मिल थपलियाल को याद करते हुए कहा कि उनका जाना भारत में नाटक जगत का एक पूर्णिया क्षति है।
UPMPA के सभी सदस्य रहे मौजूद
संस्था के अध्यक्ष आनंद गुप्ता ने बताया कि वह UPMPA के विशेष आमंत्रित सदस्य भी थे ,साथ ही में संरक्षक की भूमिका भी निभाते थे। संस्था के उपाध्यक्ष मनीष नंदन ने उर्मिल थपलियाल को याद करते हुए कहा की उर्मिल ने आकावाणी पर नाटकों का प्रचलन शुरू किया तथा वह अपनी लेखनी में विचारों को महत्व देते थे।
यह नाटककार की वक्तिगत क्षति है-मुकेश वर्मा
प्रसिद्ध नाटककार एवं संस्था के महासचिव मुकेश वर्मा ने कहा कि उर्मिल का जाना हर नाटककार की वक्तिगत क्षति है। वह उनको पुत्र की तरह मानते थे और वह लोक व्यवहार में भी बहुत निपुण थे। अपने ५५ वर्षो से भी ज्यादा नाट्य सफर सारे देश में सैकडो नाटकों का मंचन किया।
फिल्म अदाकारा एवम संस्था के सचिव राखी जैसवाल ने उर्मिल जी को याद करते हुए कहा कि उनको हमेशा उनका मार्गदर्शन मिला करता था।
लेखनी में कमाल का व्यंग था-धर्मेन्द्र मौर्य
फिल्म प्रड्यूसर एवम संस्था के कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र मौर्य ने उनके नाटकों को याद करते हुए कहा कि उनकी लेखनी में जो व्यंग होता था वह समाज एवम मनुष्यों के आपसी रिश्तों आई दूरियों पर सटीक कटाक्ष हुआ करता था।
वरिष्ठ रंगकर्मी एंव संस्था के लीगल एडवाइजर एडवोकेट शक्ति मिश्रा ने उर्मिल जी को याद करते हुए कहा की नौटंकी शैली के गायन पर उनकी बहुत मजबूत पकड़ थी और उन्होंने गायन की विधा को परिवर्तित करने की कभी कोशिश नहीं की बल्कि नए और आधुनिक विषयों को अपने नाटकों में पुराने गायन के साथ समावेश किया।
- वरिष्ठ रंगकर्मी और संस्था के संस्थापक सदस्य देवेंद्र मोदी जी ने कहां कि उर्मिल जी का काम लोक कला प्रस्तुति को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
- वरिष्ठ चरित्र अभिनेता दिनेश त्रिवेदी जी ने कहां की उर्मिल जी ने सात आठ वर्ष की आयु से ही रामलीला में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था।
- संस्था के विशेष आमंत्रित सदस्य अश्वनी मेहता जी ने उर्मिल जी को याद करते हुए कहा कि उनका अभियान सिर्फ नाटकों के लिए नहीं अपितु भारतीय संस्कृति को भी बचाने के लिए भी था।
- विशेष आमंत्रित सदस्य रामेश्वर दयाल गुप्ता ने कहा कि उन्होंने नाटकों में कभी भी आधुनिकता का विरोध नहीं किया।
वरिष्ठ चरित्र अभिनेता जावेद जैदी ने उर्मिल जी को याद करते हुए कहा की वह अत्यंत ही मृदुभाषी थे और युवाओं को कला जगत से जोड़ने के लिए उन्होंने जीवन प्रयत्न संघर्ष किया।
संस्था के विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ ओमेंद्र कुमार ने उनको याद करते हुए कहा की नाटक में भाषा की मिठास एवं संगीत पर उनका विशेष ध्यान रहता था।
फिल्म चरित्र अभिनेता रतन राठौर ने कहा की लखनऊ आकाशवाणी में समाचार वाचक के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी तथा उनकी लेखनी लखनऊ से प्रकाशित सभी प्रमुख अखबारों में छपा करती थी।
सभी सदस्यों ने उर्मिल थपलियाल को श्रद्धांजलि दी
उर्मिल जी को संस्था के अन्य सदस्यों ने भी श्रद्धांजलि दी, जिसमें अनुराग रस्तोगी, पवन कुमार वर्मा, जीत सिंह मेहता, अविनाश अवस्थी, स्वप्निल पांडे, प्रफुल्ल श्रीवास्तव, कंचन सोनी, श्री नरेंद्र पंजवानी, नवाब मीर जाफर अब्दुल्ला, स्वतंत्र काले प्रमोद अग्रहरि, के पी गुप्ता, सुशील जिंदल, इंद्र प्रकाश श्री राजेंद्र कुमार गुप्ता ,जय व्रत वाजपेई, सुशील महेश्वरी ,अमरेंद्र सहाय, वेदव्रत वाजपेई,वरिष्ठ रंगकर्मी सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ, गोपाल सिन्हा जी आदि शामिल थे।
उर्मिल कुमार थपलियाल के नाम थिएटर निर्माण की मांग
उत्तर प्रदेश मोशन पिक्चर एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि स्वर्गीय उर्मिल जी के नाम पर एक थिएटर का निर्माण किया जाए। बली प्रेक्षागृह के मार्ग को उर्मिल जी के नाम पर रखा जाए।