लखनऊ: महंगाई भत्ते को बहाल करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से जुड़े सभी संघ और जिला शाखा अब अपनी आवाज फिर से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे। वह 1 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजेंगे। इप्सेफ द्वारा लिए गए फैसले के क्रम में इस अभियान की तैयारी के लिए परिषद ने मंगलवार को हाई कमान की बैठक की।
आज की वर्चुवल बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने की। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि, देश के कर्मचारी जुलाई माह के पहले ही सरकार द्वारा महंगाई भत्ते को बहाल करने की घोषणा का इंतजार कर रहे थे, लेकिन जून माह बीतने के बाद भी अभी तक महंगाई भत्ते की बहाली की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा नहीं की गई है, जिससे कर्मचारी बहुत ही दुखी हैं। उनमें निराशा के साथ ही रोष व्याप्त हो रहा है।
1 जुलाई को पीएम-सीएम को भेजेंगे ज्ञापन
उन्होंने कहा कि, इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठन 1 जुलाई को महंगाई भत्ते की मांग करते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास करेंगे। इस बीच 15 जुलाई तक परिषद के पदाधिकारियों द्वारा विकासखंड स्तर से लेकर जनपद मुख्यालय तक के कर्मचारियों से अलग-अलग मुलाकात का कार्यक्रम चलता रहेगा।
महंगाई भत्ता बहाल करने की मांग
इसके अलावा परिषद ने कार्यक्रम के लिए जनपद शाखाओं को दिशा निर्देश भेज दिया है। परिषद ने कहा कि इस भीषण महंगाई में कर्मचारी आर्थिक रूप से बहुत परेशान है। महंगाई भत्ता वेतन का हिस्सा है, बढ़ती महंगाई के साथ मूल्य सूचकांक के आधार पर गणना कर कर्मचारियों को महंगाई भत्ता एवं सेवानिवृत्त कर्मियों को महंगाई राहत राशि दी जाती है, अत: इसे रोकने का फैसला ही नीति विरुद्ध था। सरकार को तत्काल तीनों किस्तों को बहाल कर भुगतान के आदेश देने चाहिए।
आज की बैठक में परिषद के संगठन प्रमुख डॉ. के के सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चन्द्र मिश्रा, महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रवक्ता अशोक कुमार, प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव, धनन्जय तिवारी, सर्वेश पाटील, आर के पी सिंह, अनिल कुमार, प्रदीप गंगवार, अभय पाण्डेय,राम नरेश यादव, संयुक्त मंत्री आशीष पाण्डेय, संगठन मंत्री जे पी मौर्या, मीडिया प्रभारी सुनील कुमार, कमल श्रीवास्तव, राजेश कुमार चौधरी, सुभाष श्रीवास्तव आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।