नई दिल्ली। देश में आधार के बिना लोगों को सरकारी सुविधाओं में हो रही कमी को देखते हुए आधार संख्या जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने एक फैसला लिया है। प्राधिकरण ने लोगों को राहत देते हुए ये फैसला लिया है कि अब से बिना आधार के आम जन सुविधाओं का लुप्त उठा सकते हैं। प्राधिकरण ने कहा है कि आधार संख्या न होने पर भी आवश्यक सेवाओं का लाभ लेने से किसी को कोई मना नहीं कर सकता और राशन लेने, स्कूलों में दाखिला और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जैसी आवश्यक सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है।
प्राधिकरण ने अपने इस फैसले के बाद सभी सरकारी विभागों और राज्य सरकारों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि वे ये सुनिश्च करें कि आधार संख्या न होने पर आवश्यक सेवाओं का लाभ लोगों को मिल पा रहा है या नहीं। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में प्राधिकरण द्वारा 24 अक्टूबर को जारी सर्रकुलर को गंभीरता से फॉलो किया जाए और ये सनिश्चिुत किया जाए कि आधार के आभाव में असली लाभार्थि को उसके लाभ से कहीं वंचित तो नहीं रखा जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण ने इस तरह की रिपोर्टों को गंभीरता से लिया है, जिनमें ये कहा गया है कि आधार कार्ड नहीं होने के कारण अस्पताल में भर्ती होने जैसी आवश्यक सेवाओं से लोगों को वंचित रखा जा रहा है।
दरअसल हाल ही में गुरुग्राम में ओरिजनल आधार कार्ड नहीं होने के कारण गर्भवती महिला का सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं किया गया, जिसके बाद महिला को मजबूरी में सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। वहीं कुछ महीने पहले झारखंड के सिमडेगा से खबर आई थी कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से राशन डीलर ने एक परिवार को राशन देने से मना कर दिया, जिसके कारण एक 11 साल की बच्ची की भूख से मौत हो गई।