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सितंबर में आखिरी सेमेस्टर की परीक्षा को लेकर यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

sc सितंबर में आखिरी सेमेस्टर की परीक्षा को लेकर यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने आखिरी सेमेस्टर की परीक्षा को सितंबर के आखिरी में कराने के फैसले को सही ठहराया है।

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने आखिरी सेमेस्टर की परीक्षा को सितंबर के आखिरी में कराने के फैसले को सही ठहराया है। इसने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि देशभर में छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए ये फैसला लिया गया है। यूजीसी ने आखिरी साल के एक्जाम को कराने संबंधी 6 जुलाई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर 50 पेज का हलफनामा कोर्ट में दायर किया है।

बता दें कि इस मामले में जून में कोरोना महामारी फैलने के बाद और स्थिति को देखते हुए उसने विशेषज्ञ समिति से 29 अप्रैल को दिए दिशा निर्देशों पर फिर से विचार करने को कहा था। विश्वविद्यालयों औप शिक्षण सस्थानों से कहा गया था कि वो आखिरी साल के एक्जाम जुलाई 2020 में कारए जाए।

यूजीसी का कहना है कि विशेषज्ञ समिति ने ऐसा ही किया और आखिरी साल की परीक्षाएं ऑफ लाइन, ऑनलाइन या मिश्रित प्रक्रिया से सितंबर 2020 के आखिरी में कराने की कोशिश की थी। हलफनामे के मुताबिक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर यूजीसी ने 6 जुलाई की बैठक में चर्चा के बाद इसे इजाजत दे दी। इसके बाद कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए आखिरी साल की परीक्षाओं में बदलाव करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए।

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वहीं सुप्रीम कोर्ट में विश्वविद्यालयों की आखिरी / सेमेस्टर परीक्षाओं के मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई 2020 को होगी। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूजीसी को अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के विरोध में दायर याचिकाओं को लेकर जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है।

छात्र समेत नेता व अभिभावक भी कर रहे परीक्षा रद्द करने की मांग

अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी की गाइडलाइंस के आने के बाद से इसका विरोध हो रहा है। छात्र सोशल मीडिया पर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का विरोध करते आ रहे हैं। इसके अलावा कई नेता और अभिभावक भी यूजीसी के फैसले का विरोध कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र को पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने की मांग कर चुके हैं। साथ ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी परीक्षा का विरोध किया है। वहीं, शिवसेना की यूथ विंग ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर सितंबर तक परीक्षा कराए जाने के निर्णय को चुनौती दी है।

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