नई दिल्ली। नागालैंड में विधानसभा चुनाव के रुझान आने शुरू हो गए हैं। ताजा आकड़ो में भाजपा और एनपीएफ में काटे की टक्कर नजर आ रही है। हालांकि भाजपा ने रुझानों में बहुमत का आकड़ा पार कर लिया है। 59 सीटों पर आए रुझान के मुताबिक बीजेपी गठबंधन 32 पर आगे चल रहा है तो वहीं एनपीएफ गठबंधन 23 पर आगे चल रहा है। वहीं कांग्रेस यहां अपना खाता तक नहीं खोल पाई। दूसरी तरफ राज्य की पांच सीटे अन्य के खाते में गई है। पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। कांग्रेस के लिए ये विचार-विमर्श करने वाली बात है कि जिस नागालैंड पर उसने 15 सालों तक राज किया आज उसी नागालैंड में उसे अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए लड़ना पड़ रहा है।
दरअसल नागालैंड में 15 साल पहले तक कांग्रेस सत्ता में थी, लेकिन 2003 के बाद से लगातार कांग्रेस के प्रदर्शन में गिरावट आती चली गई। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को राज्य की सभी 60 सीटों पर उम्मीदवार तक नहीं मिले। कांग्रेस राज्य की 23 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए लेकिन 19 उम्मीदवार ही अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों को समर्थन का ऐलान किया है।
वहीं नागालैंड में भाजपा ने एनडीपीपी से के साथ गठबंधन किया है। 60 सीटों में से एनडीपीपी 40 और 20 सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए एनपीएफ को समर्थन दिया है, लेकिन भाजपा को यहां भी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है या ये कहें कि मोदी लहर के आगे कांग्रेस टिक नहीं पा रही है। गौरतलब है कि पूर्वोत्तर कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर ‘मोदी लहर’ के बाद अब कांग्रेस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।