नई दिल्ली। त्रिपुरा और नागालैंड में चुनाव हारने के बाद अब कांग्रेस के पास सिर्फ मेघालय ही विक्लप बचा है सरकार बनाने के लिए, लेकिन मेघालय में कांग्रेस को बड़ी चुनौती मिल रही है। प्रदेश की जनता ने किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है हालांकि कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं अगर बीजेपी मेघालय में भी सरकार बना ले गई तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी क्योंकि इस मामले में बीजेपी को महारथ हासिल है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस और एनपीपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही थी।
मेघालय की 59 सीटों में से 21 पर कांग्रेस, 2 पर भाजपा और 19 पर एनपीपी व 14 पर अन्य के खाते में गई है। सूत्रों की मानें तो यहां बीजेपी और एनपीपी मिलकर सरकार बना सकती है। राज्य में कांग्रेस भले ही सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन एनपीपी और बीजेपी के आपस में मिलने से समीकरण बदल सकता है। बता दें कि कांग्रेस को अगर उम्मीदों के मुताबिक, मेघालय से नतीजे नहीं आते हैं, तो पूर्वोत्तर में पार्टी सिर्फ मिजोरम तक सीमित हो जाएगी। वहीं मिजोरम में भी इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
कांग्रेस की चिंता इस बार किसी भी तरह मेघालय में सरकार को बचाने की है। लेकिन बीजेपी यहां भी कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने की पूरी कोशिश में है। 2013 में मेघालय विधानसभा चुनावों की 60 सीटों में से कांग्रेस को 29 सीटें मिलीं थीं, जिनमें से पांच विधायकों ने भाजपा का दामन थामकर चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी दावा कर रही है कि पूर्वोत्तर के तीनों में राज्यों में सरकार बनाएगी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘तीनों राज्यों के रुझान नई राजनीतिक दिशा का संकेत देते हैं। इसका राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर होगा। हम सभी तीनों राज्यों में सरकार बनाने को लेकर विश्वस्त हैं।’