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आज चांद से भी कम दूरी से गुजरेगा ऐस्टरॉइड, धरती से दिखेगा आकर्षक नजारा

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रविवार को होने वाली खगोलीय घटना पर दुनिया भर के खगोलविदों की नजर लगी हुई है। ऐस्टरॉइड 2020TG6 रविवार को धरती के पास से गुजरेगा। इतने करीब से कि उसकी दूरी सिर्फ 85,519 मील होगी। उस समय धरती और चांद के बीच की दूरी से भी उसकी दूरी कम होगी। बता दें कि अगर किसी तेज रफ्तार स्पेस ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना होती है तो उसे स्पेस ऑर्गनाइजेशन्स खतरनाक मानते हैं। इस लिहाज से यह भी खतरनाक हो सकता था, लेकिन चूंकि यह सिर्फ 9.5 मीटर का है, इसलिए धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते ही इसके राख हो जाने की संभावना है। दरअसल, ऐसे एस्टेराइड वायुमंडल से टकराने पर जलने लगते हैं और आग के गोले की तरह निकलते हैं। इनसे निकलती आग और गैसें पूंछ की तरह दिखती हैं और ऐसे टूटते तारे बेहद आकर्षक होते हैं। अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA (नैशनल ऐरोनॉटिकल ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन) की मानें आगामी 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं, जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है।

इसे भी जानें : करीब 4.5 अरब साल पहले जब हमारा सोलर सिस्टम बना था, तब गैस और धूल के ऐसे बादल जो किसी ग्रह का आकार नहीं ले पाए और पीछे छूट गए, वही इन चट्टानों यानी ऐस्टरॉइड्स में तब्दील हो गए। हमारे सोलर सिस्टम में ज्यादातर ऐस्टरॉइड्स मंगल ग्रह और बृहस्पति यानी मार्स और जूपिटर की कक्षा में ऐस्टरॉइड बेल्ट में पाए जाते हैं। इसके अलावा भी ये दूसरे ग्रहों की कक्षा में घूमते रहते हैं और ग्रह के साथ ही सूरज का चक्कर काटते हैं।

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