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गुड फ्राइडे का पर्व, जानिए क्या है इतिहास ?

AS गुड फ्राइडे का पर्व, जानिए क्या है इतिहास ?

देश-दुनिया में आज गुड फ्राइडे का पर्व प्रभु ईसा मसीह की याद में मनाया जा रहा है। इस मौके पर चर्च में विशेष प्रार्थाना सभाएं आयोजित की जाती हैं। बता दें कि ये पर्व ईस्टर संडे से पहले आने वाले शुक्रवार को मनाया जाता है, जोकि इस बार 2 अप्रैल यानी आज है।

40 दिन पहले से शुरू हो जाती हैं तैयारियां

गुड फ्राइडे को प्रभु यीशु के बलिदान के तौर पर भी याद किया जाता है। ईसाई धर्म को मानने वाले लोग गुड फ्राइडे से 40 दिन पहले से ही खास तैयारियां शुरू कर देते हैं। और 40 दिन बाद चर्च में प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं। दरअसल गुड फ्राइडे वो दिन होता है जब इसाई धर्म के लोग यीशु मसीह के क्रूस को याद करते हैं। कहा जाता है कि करीब 2 हजार साल पहले यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा मसीह लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश दे रहे थे। ऐसे में कुछ लोग उन्हें भगवान मानने लगे थे। तो कुछ धार्मिक अंधविश्वास फैलाने वाले लोग और धर्मगुरू उनसे चिढ़ते थे।good गुड फ्राइडे का पर्व, जानिए क्या है इतिहास ?

ऐसे में उन लोगों ने ईसा मसीह की शिकायत रोम के शास पिलातुस से की कि ये खुद को ईश्वर का बेटा बता रहा है। जिसके बाद ईसा मसीह पर राजद्रोह करने का आरोप लगा दिया गया। यही नहीं ईसा मसीह को क्रूज पर मृत्यु दंड देने का फरमान सुनाया गया। जिसके बाद उन्हें कांटों का ताज पहनाया गया और फिर चाबुक से मारा गया, और सूली पर लटका दिया गया।

तीन दिन बाद जीवीत हो गए थे यीशु

बाइबिल की कहाने के अनुसार गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी रविवार के दिन यीशु फिर से जीवित हो गए और 40 दिन तक लोगों के बीच जाकर उपदेश दिए।friDAY गुड फ्राइडे का पर्व, जानिए क्या है इतिहास ? भगवान यीशु के दोबारा जीवित होने की इस घटना को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है, जो इस बार 4 अप्रैल को होगा। बता दें उस दिन सुबह-सुबह प्रार्थना की जाती है, क्योंकि इसी समय प्रभु यीशु का फिर से जन्म हुआ था। जिस वजह से इसे सनराइज सर्विस भी कहा जाता है।

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