लखनऊ। विश्व हिन्दू परिषद का स्थापना दिवस समारोह शनिवार को कानपुर महानगर द्वारा लाजपत भवन मोतीझील में आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि वर्तमान में चीन अमरिका रूस भारत का कुछ नहीं बिगाड़ सकता। विदेशी ताकतों से ज्यादा देश को आंतरिक दुश्मनों से खतरा है। इसलिए हमको सचेत रहना होगा और लोगों को सच्चाई से अवगत कराना होगा। हम गलतफहमी के शिकार न हों कि हम 100 करोड़ हैं। आज भारत के 09 राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके हैं।
पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि समाज जातिवाद में बंटा है। जाति व्यवस्था सामाजिक व्यवस्था थी। जातिगत व्यवस्था नहीं थी। समाज में यह साजिश के तहत प्रचारित किया गया कि ब्राह्मणों ने दलितों पर अत्याचार किया। अगर हम अत्याचारी थे तो वाल्मीकि रामायण सबके घर में क्यों है? आज जरूरत है स्वार्थों से ऊपर उठकर विचार करिये। आज देश में सुधार शुरू हो गया तो कुछ लोग नहीं चाहते कि देश एकजुट रहे।
पुष्पेन्द्र ने कहा कि 21 वहीं सदी भारत की होगी लेकिन यह मात्र कहने से नहीं होगा। नेताओं को अपने स्वार्थ की चिंता ज्यादा है राष्ट्र की नहीं। राजनीतिक नारे राष्ट्र के नारे नहीं हो सकते। आजादी के बाद आप को अपने पूर्वजों का बोध न हो। आप को अपने पुरूषार्थ का बोध न हो इसका प्रयास किया गया। सरदार पटेल और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को भुलाने का काम किया गया।
सत्ता पर काबिज होने वाले लोगों ने कहा कि नेहरू तुम्हारे चाचा और महात्मा गांधी तुम्हारे बाप है। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुया यह कहीं नहीं लिखा। 15 अगस्त को सत्ता का हस्तांतरण हुआ।
उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की सरकार को दुनिया के 09 देशों ने 1943 में मान्यता दी थी। आज तालिबार को केवल दो देशों ने मान्यता दी है। सत्ता के लोभी लोगों ने 1943 से 1947 आते- आते नेताजी को गायब कर दिया। इस मौके पर विश्व हिन्दू परिषद के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह, प्रान्त मंत्री वीरेन्द्र पाण्डेय और राजीव महाना प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।