GJM कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प
हिंसक आंदोलन के कारण यहां के हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि यहां ममता बनर्जी ने हालात को सामान्य बनाने के लिए केंद्र से मदद मांगी है। जिसके बाद केंद्र की तरफ से यहां बल भेजा गया। आए दिन हो रहे आंदोलन को काबू करने के लिए पुलिस बल के साथ सैन्य बल को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। आए दिन लोगों और सैन्य बल के बीच झड़प हो रही है। यहां के हालात तो इस कदर खराब हैं कि इसे काबू करने के लिए पुलिस को कभी लाठीचार्ज तो कभी हथियारों का इस्तेमाल करने को मजबूर होना पड़ रहा है। वही GJM कार्यकर्ता सैन्य बल पर हमला करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं।
आए दिन GJM कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस पर हमला किया जा रहा है। GJM कार्यकर्ता कभी पुलिस पर पथराव कर रहे हैं तो कभी पुलिस के वाहनों को आग के हवाले कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस के विरष्ठ अधिकारियों की माने तो हालत सामान्य नहीं कहा जा सकता है। हालात को सामान्य बनाने के लिए अभी काफी मशक्कत करने की जरूरत है। इस मामले पर ममता सरकार ने गृहमंत्रालय को रिपोर्ट भी सौंपी जिस पर गृहमंत्रालय ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक चार लोगो की मौत हो चुकी है। सुरक्षा के मद्देनजर देखा जाए तो प्रशासन ने दार्जलिंग में इंटरनेट, रेल जैसी जरुरी सुधाइए बंद कर रखी हैं।
पश्चिम बंगाल के पहाड़ी जिलों में गोरखा समाज के लोगों की आबादी बहुत ज्यादा है। वह इस पहाड़ी ज़िले को अलग गोरखालैंड बनाने की मांग कर रहे हैं। आलम यह है की GJM कार्यकर्ताओं की नाराजगी सरकार के प्रति इस कदर हावी हो रखी है कि वह अब ममता सरकार की बात तो दूर उच्च न्यायालय की भी नहीं सुन रहे हैं। बीते दिनों एक याचिका की सुनवाई करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने इस बंद को गैरकानूनी करार दिया है।