पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी पांच दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हो चुके है। अपनी यात्रा की शुरूआत पीएम ने स्वीडन से की है। बता दें कि तकरीबन तीन दशक के बाद भारत के किसी प्रधानमंत्री ने सवीडन का दौरा किया है। पीएम मोदी सामवार को देर रात स्वीडन पर पहुंच गए थे। भारतीय पीएम के आने की खबर से वहां रह रहे लोगों में काफी उत्साह था। मोदी के वहां पहुंचने से पहले ही लोग भारी भीड़ में इकटठा हो गए थे और जैसे ही प्रधानमंत्री वहीं पधारे तो लोगों ने जोरदार तरीके से उनका स्वागत किया वहीं पीएम ने भी पास जाकर और हाथ मिलाकर अपने चाहने वालों का अभिवादन किया।
ऐसा करीब तीस साल बाद हो रहा है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री स्वीडन दौरे पर है। वहीं स्वीडिश प्रधानमंत्री स्टेफन लोफवेन ने खुद एयरपोर्ट जाकर पीएम मोदी का स्वागत किया। लोफवेन ने देश की परंपरा को तोड़ते हुए खुद एयरपोर्ट पर जाकर उनका स्वागत किया। पीएम मोदी यहां भारत-नोर्डिक सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। भारत की तरफ से पहली बार इस सम्मेलन में हिस्सा लिया जाएगा। नोर्डिक सम्मेलन में डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे तथा स्वीडन के प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा पर व्यापार और निवेश सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर जोर देंगे।
स्वीडन के बाद पीएम मोदी लंदन के लिए रवाना हो जाएंगे। ब्रिटेन यात्रा के दौरान पीएम मोदी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा मोदी राष्ट्रमंडल देशों के सम्मेलन (चोगम) शासनाध्यक्षों से भी मुलाकात करेंगे। ब्रिटेन दौरे के बाद थोड़ा वक्त प्रधानमंत्री मोदी जर्मनी में भी बिताएंगो और फिर भारत लौटने से पहले वह 20 अप्रैल को बर्लिन में भी कुछ देल के लिए ठहरेंगे।
16 से 21 अप्रैल तक निर्धारित स्वीडन और ब्रिटेन की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा था कि वह व्यापार, निवेश और स्वच्छ ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी गहरा बनाने को लेकर आशान्वित हैं।
Landed in Stockholm. I thank Prime Minister Stefan Löfven for the warm welcome at the airport. @SwedishPM pic.twitter.com/nJuqebdiOr
— Narendra Modi (@narendramodi) April 16, 2018
पीएम मोदी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ”भारत और स्वीडन के बीच दोस्ताना रिश्ता है. हमारी साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों तथा खुले, समावेशी एवं नियमों की बुनियाद पर टिकी वैश्विक व्यवस्था के प्रति कटिबद्धता पर आधारित है। स्वीडन हमारे विकास पहलों में एक मूल्यवान साझेदार है।”