लखनऊ: राजधानी के निशातगंज इलाके में स्थित स्टेट कॉउन्सिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) कार्यालय बैनर्स और पोस्टर्स से ढंक गया है। दरअसल, यहां पिछले तीन दिनों से अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है। अभ्यर्थियों ने कार्यालय की दीवार पोस्टर्स से भर दी हैं और इन पोस्टर्स पर अभ्यर्थियों की मांगें लिखी हैं।
69000 में 22000 सीटें जुड़वाने को लेकर प्रदर्शन
सोमवार से प्रदेश के 75 जिलों से आए कथित “योग्य अभ्यर्थी” यहां पहुंच कर 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 68500 शिक्षक भर्ती की 22000 रिक्त सीटों को जुड़वाने की मांग पर अड़े हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे योग्य हैं और 22000 सीटें उनकी हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे यहां से तब तक नहीं जाएंगे जब तक लिखित में उन्हें आश्वासन नहीं मिल जाता। अभ्यर्थियों की मांगों के पोस्टर्स से कार्यालय पटा पड़ा है।
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षक घोटाले को लेकर प्रदर्शन
SCERT कार्यालय पर बीते दिन 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले की बात कर रहे अभ्यर्थियों का जमावड़ा लगा था। दरअसल, ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस भर्ती प्रक्रिया में 27 और 21 फीसदी आरक्षण में हेरफेर की गई है। बात दें कि बीते दिनों इसी मामले को लेकर 55 अभ्यर्थियों ने राज्यपाल और राष्ट्रपति को पत्र के माध्यम से इच्छा मृत्यु की मांग भी की थी।
दिव्यांग अभ्यर्थी भी कार्यालय पर धरने पर बैठे
वहीं बुधवार से सुबह से 68500 शिक्षक भर्ती में पीडब्लूडी एक्ट 1995 के तहत तीन प्रतिशत आरक्षण दिलवाने के सम्बंध में दिव्यांग अभ्यर्थी धरने पर हैं। दिव्यांग अभ्यर्थियों का कहना है कि 68500 में दिव्यांग अभ्यर्थियों को मिलने वाला तीन प्रतिशत आरक्षण प्रदान नहीं किया गया है। इसकी वजह से वे एनसीटीई द्वारा प्रदान की जाने वाली पांच प्रतिशत छूट से भी वंचित रह गए हैं। उनका कहना है कि एससी/एसटी वर्ग के दिव्यांग अभ्यर्थियों को ये छूट दी गई है। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि 68500 एक मात्र ऐसे भर्ती है जिसमें दिव्यांग आरक्षण नहीं प्रदान किया गया है।
मांगों के पोस्टर्स से पटा कार्यालय
इन सभी प्रदर्शन और आंदोलनों के पोस्टर्स से SCERT कार्यालय पटा हुआ है। हर तरफ बस मांगों के ही पोस्टर्स हैं।