गाजियाबाद। इस वक्त पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस अपने पैर पसारे हुए है। इसी को देखते हुए सरकार और पुलिस अधिकारी बार -बार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग की बात कर रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसी के चलते एक ऐसे शख्स का जिक्र करते हैं जिनकी भीड़ को इकट्ठा न होने देने में एक अलग ही पहचान है, सत्यपाल सिंह ,अद्दिसनल एस. पी, यू.पी पुलिस, जिन्होंने 2008 में लोनी में होने वाले तब्लीगी जमात के इस्तमा को रुकवा दिया था।
बता दें कि ये किस्सा 2008 का सत्यपाल सिंह सर्किल अफसर थे लोनी जिला गाजियाबाद के। मोहोल गरम था दंगे की आशंका थी । इस पूरी स्तिथि को भाप गए सत्यपाल सिंह ने ऐड़ी छोटी का जोर लगा दिया और इस्तेमा में भीड़ को रोकने में कामयाब रहे और शहर को दंगे की आग से बचाने में भी।
वहीं तब्लीगी जमात के लोगो को बुलाया गया पर उन्होंने एक-ना मानी ओर ना कर दी इस्तमा की तारीख । सर्किल अफसर लोनी ने तुरंत घुसपैठ कर तब्लीगी जमात के चीफ से बात कर 8 महीने को टलवा दिया था। जिसकी वजह से शहर में दंगों की आग को फैलने से रोका गया और शहर को जलने से बचा लिया गया।