लखनऊ। कलाकार और साहित्यकार एक वृक्ष की तरह होता है। वह जितना समाज से लेता है उसका कई गुना समाज को वापस करता है। यदि वृक्ष सूख जाता है तो उसकी भरपाई करना आसान नहीं होता है। कलाकार संस्कारों की साधना कर अपने देश की सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण तथा संवर्धन का कार्य करते हैं। संस्कार भारती इस संकट काल में सभी कलाकारों को हर संभव मद्द दिलाने का कार्य कर रही है।
संस्कार भारती के प्रान्त संगठन मंत्री अवध प्रान्त दिनेश ने बताया कि कलाकार किसी भी राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान होते हैं। कलाकारों की सहायता राष्ट्र की सहायता मानी जाती है। इस संक्रमण काल में चाहिए कि समाज के सभी वर्ग कलाकारों की चिंता करें। प्रान्त संगठन मंत्री ने बताया कि संस्कार भारती ने एक प्रस्ताव पास कर कलाकारों की सहायता के लिए समाज से आहवान किया था। संगठन द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया था कि कलाकारों के कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें उचित आर्थिक मानदेय का प्रबंध करें ताकि कलाकारों के स्वाभिमान की रक्षा के साथ-साथ उनका आर्थिक सहयोग भी हो सके। जानकारी के मुताबिक संस्कार भारती ने अब तक करीब देशभर में 80 हजार कलाकारों को आर्थिक सहायता पहुंचायी है। इसके अलावा देशभर में कलाकारों को संगठन से जोड़ने व उन्हें खोजने का काम हो रहा है।