रूस ने कोरोना वेक्सीन को लेकर मंगलवार को घोषणा की थी कि उसने कोरोना की वैक्सीन बना ली है।
रूस। रूस ने कोरोना वेक्सीन को लेकर मंगलवार को घोषणा की थी कि उसने कोरोना की वैक्सीन बना ली है। साथ ही उसने कहा कि मानव परीक्षण के लिए इस वेक्सीन को कम से कम 2 महीने के बाद कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी मिलेगी। पुतिन ने कहा कि कोरोना वेक्सीन के इस्तेमाल को बड़े पैमाने पर उपयोग करने की मंजूरी मिल गई है। ये पूरी दुनिया के लिए खुशी की खबर के साथ-साथ एक बड़ा कदम भी है। पुतिन ने वेक्सीन को लेकर कई विषेशज्ञयों के सवालों के जवाब दिए। पुतिन ने बताया कि उनकी बेटी के उपर भी इस वेक्सीन का इस्तेमाल किया गया है।
बता दें कि ऐसे कई सवाल है जो पुतिन के दावे पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी इस पर यकीन करना मुश्किल है कि रूस इतनी जल्दी वेक्सीन बना सकता है। वहीं रूस की ACTO (एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल ट्रायल ऑर्गनाइजेशन) ने कहा कि फिलहाल टीके का पंजीकरण नहीं करने को कहा है। उसने कहा कि इससे पहले टीके का पंजीकरण किया जाए उससे पहले इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
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वहीं कुछ दिन पहले रूस के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि वेक्सीन का औद्योगिक उत्पादन सितंबर में किया जाएगा। रूस की एक सरकारी वेबसाइट के मुताबिक वेक्सीन जनवरी में तैयार होने वाली थी। वहीं अभी वेक्सीन की कीमत के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। 18 जून को कोरोना वेक्सीन स्पूतनिक का ट्रायल किया गया था। जिसमें वॉलेटियों की संख्या 100 से कम थी। वेक्सीन को तैयार करने के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ता है। वेक्सीन का इस्तेमाल भी चरणों के हिसाब से ही किया जाता है।
इसके पहले चरण में कुछ लोगों पर इसका परीक्षण किया जाता है उसके बाद इसकी संख्या बढ़ जाती है। जब परीक्षण सफल रहता है तो इसे मजूरी दे दी जाती है और उसके बाद उसे दूसरे देशों में भेजने की भी मंजूरी दे दी जाती है। वहीं रूस द्वारा बनाई हुई वैक्सीन आखिरी दौर पर है। इसका मतलब है कि वैक्सीन की सुरक्षा का पता लगाने के लिए इसका बड़े पैमाने पर परीक्षण करना बाकी है।