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आरएसएस ने कहा लोगों को टी-20 का करना चाहिए बहिष्कार, चीनी कंपनी को स्पोनंसर बनाना सैनिकों का अपमान

IPL आरएसएस ने कहा लोगों को टी-20 का करना चाहिए बहिष्कार, चीनी कंपनी को स्पोनंसर बनाना सैनिकों का अपमान

लद्दाख सीमा पर तीन की हरकत से लगातार भारत में चीन का विरोध हो रही है। भारत ने चीन के 59 ऐप पर बैन लगा दिया था।

 नई दिल्ली। लद्दाख सीमा पर तीन की हरकत से लगातार भारत में चीन का विरोध हो रही है। भारत ने चीन के 59 ऐप पर बैन लगा दिया था। अब भारत में आईपीएल के चीनी स्पोन्सर को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। सोमवार को एसजेएम ने कहा कि लोगों को टी-20 क्रिकेट लीग का विरोध करने पर विचार करना चाहिए।

‘सैनिकों का अपमान है ये’

बता दें कि स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि एक तरफ भारत में सैनिकों का अपमान करने और उनको शहीद करने के बाद से विरोध हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ टी-20 क्रिकेट मैचों का आयोजन करने वाली संस्था आईपीएल द्वारा एक चीनी मोबाइल कंपनी को प्रायोजक बनाने का फैसला हैरान कर देने वाला है। अपने इस फैसले से आईपीएल ने चीन की हरकत द्वारा शहीद हुए सैनिकों की तरफ अपमान जाहिर किया है।

चीन का विरोध होना चाहिए- स्वदेशी जागरण मंच

वहीं एसजेएम का कहना है कि इस वक्त भारतीय सरकार देश को चीन के बाजारों से मुक्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। चीनी सामान को भारत के बाजारों से दूर रखने रखने की हर कोशिश कर रहा है। देश में चीनी सामानों और कंपनियों को बाहर रखने की कोशिश की जा रही है। आईपीएल का ये कदम देश की मनोदेश को बिगाड़ने और देश की सुरक्षा और आर्थिक चिंता को बढ़ा सकता है।

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स्पॉन्सर बदलों वरना…

एसजेएम का कहना है कि हम आईपीएल का आयोजन करने वाले आयोजकों से निवेदन करते हैं कि वो चीनी  कंपनी और अपने प्रायोजकों के रूप में इजाज़त देने पर फिर से सोच विचार करें। अगर आईपीएल ऐसा नहीं करता है तो हमें मजबूरन इस देश का नागरिक होने के नाते आईपीएल का विरोध करने का आह्वान करना होगा। आईपीएल इस बात का खास ख्याल रखें कि देश की आन और गरिमा से बढ़कर कुछ नहीं है।

सोशल मीडिया पर भड़के लोग

बता दें कि आईपीएल के आने वाले एडिशन में भी चीनी मोबाइल कंपनी से स्पॉन्सरशिप के करार को बरकरार रखा जाएगा इसका फैसला आईपीएल की संचालन परिषद ने रविवार को लिया। इस मामले पर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर कोई लोगों ने आईपीएल का विरोध जताया। इतना ही नहीं भारत ने चीन के सामान का विरोध करने की बात ही थी। बीसीसीआई ने इसके बाद करार की समीक्षा का वादा किया था लेकिन आईपीएल में भी इस कंपनी को बरकरार रखने का फैसला किया गया है।

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