ओटावा। भारत के पंजाब क्षेत्र में खालिस्तानी आतंकवादियों को पोषित करने में पाकिस्तान का विशेष हाथ रहा था। अभी आतंकवादी न केवल भारत के लिए बल्कि कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं। यह खुलासा करते हुए कनाडा के एक प्रमुख थिंक टैंक एमएल इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इंस्टीट्यूट ने कहा कि खालिस्तान पाकिस्तान का प्रॉजेक्ट है और इसे कनाडा में ठग और राजनीतिक चालबाजों ने जिंदा रखा है।
खालिस्तानी आंदोलन के बारे में वरिष्ठ पत्रकार टेरी मिलेवक्सी ने भी अपनी एक विशेष रिपोर्ट प्रस्तुत की है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट ‘खालिस्तान: ए प्रॉजेक्ट ऑफ पाकिस्तान’ में कहा कि खालिस्तान आंदोलन कनाडा और भारत दोनों की ही सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है। खालिस्तानी आतंकियों ने 35 साल पहले एयर फ्लाइट में विस्फोट कर दिया था जो 9/11 के हमले से पहले हवाई यात्रा की दुनिया में सबसे बड़ा हमला था। टेरी ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान लगातार खालिस्तान आंदोलन को समर्थन दे रहा है।’
टेरी ने कहा कि इस आंदोलन के बाद भी सच्चाई यह है कि कनाडा के सिख इस आंदोलन के जरिए अपने गृह राज्य पंजाब नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा के लोगों के लिए पाकिस्तान का यह कदम बड़ा राष्ट्रीय खतरा बन गया है। चूंकि पंजाब में खालिस्तान के कुछ ही समर्थक बचे हैं, इसलिए कनाडा में खालिस्तान के समर्थकों को पाकिस्तानी मदद बढ़ गई है।
नवंबर 2020 में स्वतंत्र खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह
नवंबर 2020 में आतंकियों ने स्वतंत्र खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करने का विचार बना रहे हैं और जैसे-जैसे या दिन और तिथि निकट आती जा रही है दुनिया भर के सिक्के समुदाय में संशय बढ़ता जा रहा है कनाडा सरकार ने कहा है कि इस जनमत संग्रह को अगर अंजाम तक पहुंचने दिया गया तो इससे अतिवादी ताकतों को पोषण मिलेगा।
जनमत संग्रह से कनाडा के सिख युवाओं को कट्टरवाद की ओर मोड़ा जा सकता है। इससे मेल मिलाप की संभावनाओं के लिए संकट पैदा हो जाएगा। कनाडा के नेताओं ने ही अब खालिस्तान को लेकर चिंता जताई है। ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर रहे उज्जवल दोसांझ ने कहा कि टेरी की यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के दो लोकतंत्रों में पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी आतंकवाद किस कदर से पांव पसार रहा है।