नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में फरवरी 2016 में छात्र नेता कन्हैया कुमार पर हुए हमले की जांच की मांग की याचिका को खारिज कर दिया है। कन्हैया कुमार उस समय जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष थे। कोर्ट में वकील कामिनी जायसवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कन्हैया कुमार पर कथित हमले की एसआईटी जांच की मांग की। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि इस संबंध में दो साल पहले आदेश जारी किया जा चुका है और क्या चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आप मरे हुए घोड़े पर चाबुक मारकर फिर से सवारी नहीं कर सकते इसलिए हम इस याचिका को खारिज करते हैं।
इस याचिका में कहा गया था कि वकील विक्रम सिंह, यशपाल सिंह और ओम प्रकाश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की है। याचिका में ये भी कहा गया है कि इन तीनों वकीलों ने ही पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार पर हुए हमले का नेतृत्व किया था। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के तीन छात्रों कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को हुई नारेबाजी के मामले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक ये छात्र अफजल गुरु को फांसी दिये जाने के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे।