नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रूस के दौरे पर रवाना हो गए हैं। रक्षा मंत्री रूस के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना हुए हैं। इन तीन दिनों के दौरे में वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक में शामिल होंगे। इस बीच, सूत्रों के मुताबिक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात नहीं करेंगे। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 4 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होंगे। रक्षामंत्री का रूस के रक्षामंत्री के साथ बैठक में आपसी सहयोग और द्विपक्षीय सहयोग और आपसी हित के मुद्दो पर चर्चा का भी कार्यक्रम हैं। भारत और रूस के बीच महत्वपूर्ण भागीदारी हैं और राजनाथ सिंह की इस यात्रा से राजनीतिक स्तर पर अहम आपसी विचार-विमर्श का अवसर मिलेगा।
रूस के तीन दिवसीय दौरे में आमने-सामने भारत और चीन
जानकारी के मुताबिक, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की इस बैठक में चीन के रक्षा मंत्री जरनल वेन फेंघे भी शामिल हो सकते हैं। भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच इस अहम बैठक के दौरान दोनों देश पहली बार एक मंच पर आमने-सामने होंगे।
5 सितंबर को भारत वापस लौटेंगे राजनाथ सिंह
शंघाई सहयोग संगठन में भारत और रूस के अलावा चीन भी सदस्य हैं। राजनाथ सिंह 4 सितंबर को बैठक में शामिल होने के बाद 5 सितंबर को भारत वापस लौटेंगे। रक्षा मंत्री पांच सितंबर की शाम को मास्को से दिल्ली वापस लौटेंगे। भारत और चीन के बीच लद्दाख में हालिया झड़प की खबरों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की इस अहम बैठक में शामिल होने कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं।
4 और 5 सितंबर को होगा युद्धाभ्यास
भारत और रूस मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की तैयारी की ओर अग्रसर हैं। दोनों देशों की नौसेनाएं बंगाल की खाड़ी में 4 और 5 सितंबर को इंद्र युद्धाभ्यास करेंगी। सूत्रों के मुताबिक भारत और रूस की नौसेना के बीच ऐसे समय में युद्धाभ्यास होने वाला है जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव अपने चरम पर हैं।
इंद्र युद्धाभ्यास के दौरान सतह और हवा में लक्ष्य को भेदने के साथ ही चीनी नौसेना की गतिविधियों में इजाफे को देखते हुए भारतीय नौसेना ने भी हिंद महासागर में अपनी तैनाती शुरू कर दी है। इंद्र युद्धाभ्यास 2005 से भारत और रूस की सेनाओं के बीच होता आ रहा हैं।
बता दें कि विगत जुलाई में भारतीय नौसेना ने अमेरिकी नौसेना के साथ भी युद्धाभ्यास किया था