नई दिल्ली। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाने लगी है। बता दें कि राजस्थान में बीजेपी से नाराज चल रहे हैं घनश्याम तिवाड़ी ने बीजेपी को कड़ा झटका देते हुए पार्टी से अपना त्याग पत्र दे दिया है और त्याग देते हुए घनश्यान ने कहा कि वो प्रदेश और देश में ‘अघोषित आपातकाल’ से लड़ेंगे इसी के साथ घनश्याम ने बीजेपी का दामन छोड़ते हुए अपने बेटे की पार्टी में शामिल हो गया है। मीडिया से खास बातचीत के बाद घनश्याम ने कहा कि ‘अघोषित आपातकाल वास्तविक आपातकाल से ज्यादा खतरनाक है। मैंने दोनों ही दौर देखे हैं और मैं इसके खिलाफ लड़ने के लिये पार्टी से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं।’
भारत युवा वाहिनी में शामिल
बीजेपी के वरिष्ठ नेता कहे जाने वाले घनश्याम तिवाड़ी ने अपने बेटे की पार्टी भारत युवा वाहिनी में शामिल हो गए है। आपको बता दें कि राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये तिवाड़ी के पुत्र अखिलेश तिवाड़ी ने हाल ही में ‘भारत वाहिनी पार्टी’ का गठन किया है। इसके अलावा घनश्यान ने कहा कि सोमवार को भाजपा 25 जून 1975 में कांग्रेस द्वारा घोषित आपातकाल के विरोध में युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिये ‘काला दिवस’ मना रही है। उन्होंने कहा कि आज आपातकाल लगाना संभव नहीं है, लेकिन ”यह बताना जरूरी है कि देश पिछले चार सालों से अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है।’
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अघोषित आपातकाल के विरूद्व आवाज
तिवाड़ी ने कहा कि उन्होंने देश और प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपना त्यागपत्र पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को दिया है और उन्हें उम्मीद है कि उनके सुझावों को लागू करने से पार्टी और देश को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि वह ”अब देश और प्रदेश में अघोषित आपातकाल के विरूद्व आवाज उठायेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी सत्ता के लालच में लोकतांत्रिक संस्थानों का गला नहीं घोट सके।’
प्रदेश की जनता ठगा महसूस
उन्होंने कहा कि राजस्थान के लोगों ने कांग्रेस से परेशान होकर भाजपा को सत्ता सौंपी थी, यहीं नहीं प्रदेश की जनता ने भाजपा को 25 लोकसभा की सीटों पर जीत दर्ज करवा कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हालांकि आज प्रदेश की जनता उनके लिये हुए निर्णय पर ठगा हुआ महसूस कर रही है। तिवाड़ी ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से भारत वाहिनी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे। इस पार्टी के दरवाजे समान विचारधारा वाले राजनैतिक नेताओं के लिये खुले हैं।
आपको बता दें कि घनश्याम शुरू से ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं और काफी समय से वो सीएम राजे से नाराज चल रहे थे। राजस्थान में बीजेपी ने अभी तक अपना प्रदेश अध्यक्ष घोषित नहीं किया है और अब पार्टी के वरिष्ठ नेता कहे जाने वाले घनश्याम तिवाड़ी का पार्टी छोड़ना बीजेपी के लिए चुनाव में भारी मुश्किल पैदा कर सकता है।