राजस्थान में धरियावद और वल्लभ नगर में दोनों सीटों पर कब्जा करने वाली कांग्रेस ने 4 में से 3 जिला परिषदों में अपनी पार्टी के प्रमुख बनाये हैं। इसके साथ ही अशोक गहलोत का भी पार्टी आलाकमान के सामने कद बढ़ गया है।
पंचायत चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन से गहलोत की पकड़ मजबूत
राजस्थान में धरियावद और वल्लभ नगर में दोनों सीटों पर कब्जा करने वाली कांग्रेस ने 4 में से 3 जिला परिषदों में अपनी पार्टी के प्रमुख बनाये हैं। साथ ही 30 में से 19 पंचायत समितियों प्रधान भी बना लिए हैं। धरियावद और वल्लभ नगर विधानसभा में हुए उपचुनावों के बाद अब पंचायत चुनावों में भी कांग्रेस ने भाजपा का पछाड़ दिया है। वहीं इस प्रदर्शन के बाद अब राज्य में कांग्रेस को मजबूत हो ही गई है साथ ही अशोक गहलोत का भी पार्टी आलाकमान के सामने कद बढ़ गया है।
सचिन पायलट से ज्यादा प्रभावशाली नेता गहलोत
विधानसभा उपचुनाव और पंचायत समितियों के चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है कि राजस्थान में सचिन पायलट के बजाय अशोक गहलोत ज्यादा प्रभावशाली हैं। बेशक सचिन पायलट का राजस्थान ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी अच्छा क्रेज है। लेकिन राजस्थान में पायलट गहलोत से ज्यादा प्रभावी नेता बनने में अभी काफी पीछे हैं। ऐसे में भले ही पायलट और गहलोत का सीधा दखल नहीं हो फिर भी पंचायत चुनाव में कांग्रेस की जीत का श्रेय गहलोत सरकार को मिल रहा है।
पार्टी में पायलट की मुश्किलें बढ़ीं!
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पिछले दिनों एक बयान जारी करके कहा कि वे आगामी 50 साल में कहीं नहीं जाने वाले। यानी कि उन्होंने खुद के राजस्थान में रहकर राजनीति करने की ओर इशारा किया। लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी अशोक गहलोत के होते हुए सचिन पायलट के पास आनी मुश्किल लग रही है। और अब राजस्थान में आए चुनाव परिणामों ने एक बार फिर गहलोत खेमे को मजबूत कर दिया है। साथ ही गहलोत की कुर्सी के पांव और मजबूत हो गए हैं।