हरिद्वार। भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को IIT रुड़की में दीक्षांत समारोह में बोलते हुए कहा कि IIT रुड़की जैसे संस्थान न केवल शिक्षा के केंद्र हैं, बल्कि नवाचार और रचनात्मकता के केंद्र भी हैं। दीक्षांत समारोह में कुल 2,029 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जिसमें से 309 पीएचडी विद्वान हैं। राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद भी थीं।
बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि, अनुसंधान, नवाचार और रचनात्मक विचारों के साथ, एक व्यक्ति राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है और मानव जाति के कल्याण की सुविधा प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का मलाल है कि आईआईटी रुड़की इस तरह के लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है। TIDES बिजनेस इनक्यूबेटर, नई तकनीक पर आधारित स्टार्टअप प्रोजेक्ट विकासशील व्यवसाय में नई कंपनियों की सहायता कर रहा था। विशेष रूप से, क्षेत्र में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी ऊष्मायन और उद्यमिता विकास सोसाइटी (TIEDS) की स्थापना की गई है।
कोविंद ने कहा कि वर्तमान में, तकनीकी कॉलेजों में छात्राओं की संख्या तुलनात्मक रूप से कम थी, इसलिए उच्च शिक्षा केंद्रों में छात्राओं की संख्या बढ़ाने के प्रयासों की आवश्यकता थी। फिर अकेले उपलब्धियां अधिक फायदेमंद होंगी। राष्ट्रपति ने कहा कि 2018 में राज्यपालों की मंडली ने कहा था कि विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय की सामाजिक जिम्मेदारी अपनानी चाहिए। यह अच्छा है कि आईआईटी के छात्रों ने सामुदायिक सेवा में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है।
छात्रों ने पांच गांवों की पहचान की है, जिसमें वे स्वच्छता और कौशल विकास की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए हरिद्वार और रुड़की में गंगा सफाई अभियान में भी भागीदारी की है।