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अगर आपने भूल से कर दी ये गलती, बन जाएंगे अपराधियों के पगाहगार

अगर आपने भूल से कर दी ये गलती, बन जाएंगे अपराधियों के पगाहगार

लखनऊ: अगर आपके घर में कोई किराएदार रह रहा है तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आपकी ज़रा सी लापरवाही दूसरों के लिए भी घातक हो सकती है। आजकल मकान मालिक किराएदार तो रख लेते हैं, लेकिन उनका पुलिस सत्यापन कराने से बचते हैं।

लखनऊ समेत कई जिलों में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें किराएदार ने मकान मालिक पर जानलेवा हमला, किडनैपिंग, दुष्कर्म या फिर दूसरी वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद मकान खाली करके फरार हो गया। हालांकि, कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद लोगों को चरित्र प्रमाणपत्र और रेंट एग्रीमेंट बनाने के लिए थानों के चक्कर न लगाने पड़े, इसके लिए पूर्व लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने एक वेबसाइट भी लॉन्‍च की है। इसके बावजूद लोग जागरूक नहीं हैं।

पहली घटना: मकान मालिक की बेटी से दुष्कर्म

9 जून, 2014 को पारा थानाक्षेत्र में एक किराएदार ने मकान मालिक की बेटी से दुष्कर्म किया था। इसके बाद आरोपित पीड़िता को जान से मार देने की धमकी देकर वहां से फरार हो गया था। जब पीड़िता ने घर वालों को आपबीती सुनाई तो परिजनों ने किराएदार आशू के खिलाफ पारा थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। किराएदार ने उस वक्‍त इस घटना को अंजाम दिया था तो मकान मालिक पूरे परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे, जबकि उनकी बेटी घर पर अकेली थी।

दूसरी घटना: मकान मालिक के बेटे का अपहरण

पांच साल पहले गोसाईंगज थानाक्षेत्र में एक किराएदार ने अपने मकान मालिक के बेटे का अपहरण किया था। किराएदार मकान मालिक के बेटे शिवम को अपने गांव घुमाने के बहाने ले गया था। इसके बाद आरोपित ने बच्चे को किडनैप कर लिया था। फिर आरोपित ने मकान मालिक से पांच लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। फिरौती की डिमांड सुनकर मकान मालिक ने पूरे मामले की सूचना गोसाईंगज पुलिस को दी थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपित के नंबर को सर्विलांस पर लगाया और एक टीम गठित की थी। पुलिस ने सूझ-बूझ के जरिए शिवम को बरामद कर मास्टरमांइड सहित दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। फिर तत्कालीन एसएसपी राजेश पांडेय ने पुलिस टीम को पुरस्कृत किया था।

तीसरी घटना: मकान मालिक के दोस्त पर चाकू से हमला

गोमतीनगर विस्तार में किशन पाल तिवारी परिवार के साथ रहते हैं। बीते 11 अगस्त को रात 10 बजे उनकी पत्नी अशोक कुमारी घर पर अकेली थीं। इसी बीच उनका किराएदार सुभाष शराब के नशे में धुत होकर आया और हंगामा करने लगा। जब अशोक कुमारी ने विरोध किया तो आरोपित गाली-गलौज करने लगा। इस पर मकान मालिक ने अपने बेटे शक्ति को कॉल करके बुला लिया। जब शक्ति अपने दोस्त श्यामू और लालजी को लेकर अपने घर पहुंचा, तब सुभाष अपने कमरे से चाकू लेकर निकल आया। इसके बाद आरोपित ने श्यामू और लालजी पर चाकू से हमला कर दिया। शोरगुल सुनकर स्थानीय लोग मदद के लिए आए दौड़े तो आरोपित चकमा देकर वहां से फरार हो गया।

चौथी घटना: किराएदार बनकर रह रहे थे आंतकी

मार्च, 2017 में एटीएस ने दुबग्गा की हाजी कॉलोनी में तीन आंतकियों को मार गिराया था। आंतकी सैफुल्ला तीन महीने से किराए पर रह रहा था। हैरत की बात है पुलिस को इनकी कानोकान भनक तक नहीं थी। न तो मकान मालिक ने आंतकियों का सत्यापन कराने की जरूरत समझी और न ही इनके बारे में पड़ताल की। लिहाजा आस-पास के लोग भी भांप नहीं सके। एटीएस अफसरों की मानें तो सैफुल्ला तीन महीन से बादशाह के मकान पर किराए पर रह रहा था। मकान के एक हिस्से में वह रहता था, जबकि दूसरे हिस्से में मौलाना कय्यूम का परिवार भी साथ रहता था।

10 पुलिस थानों का रेंट एग्रीमेंट
  • पुलिस स्टेशन                    2019 से मई 2021 अनुमानित आंकड़ें
  • वजीरगंज                                  200
  • गोमतीनगर                                150
  • आशियाना                                  80
  • तालकटोरा                                  75
  • हजरतगंज                                300
  • आलमबाग                                250
  • चौक                                          60
  • ठाकुरगंज                                  80
  • अमीनाबाद                               100
  • महानगर                                  160
 45.88 लाख की आबादी

दरअसल, जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार साल 2011 में लखनऊ जनपद की आबादी करीब 45.88 लाख थी। जबकि साल 2019 में 54.86 लाख की आबादी दर्ज की गई है। साल 2011 में शहरी क्षेत्र की आबदी 28.17 लाख बताई गई है। शहर में कुल 110 वार्ड हैं। इन वार्ड में लोग अपने घरों में किराएदार भी रखते हैं।

इसके अलावा अन्य शहरों के ड्राइवर, कर्मचारी, मजदूर, स्टूडेंट्स, बैककर्मी आदि को भी लोग किराए पर रूम, मकान और फ्लैट देते हैं, लेकिन मकान मालिक उनका पुलिस वैरीफिकेशन करना तो दूर आइडी लेना भी जरूरी नहीं समझते हैं। उन्हें सिर्फ किराए से मतलब होता है। मोटे किराए के लालच में मकान मालिक जरूरी बातों को अनदेखा कर देते हैं। वहीं, किराएदार जब मकान खाली नहीं करता तो विवाद होता है, जिसमें कई बार किराएदार घातक कदम उठा लेता है। 45.88 लाख की आबादी में महज पांच लोगों ने किराएदारों का पुलिस वैरेफिकेशन कराया है।

लोगों में नहीं है जागरुकता

कमिश्नरेट प्रणाली के अन्तर्गत शहर में 43 पुलिस थाने हैं। इसमें हजरतगंज, गोमतीनगर, महानगर, आशियाना, अलीगंज, इंदिरानगर, तालकटोरा समेत कई रिहाशयी कॉलोनियां और अपार्टमेंट शामिल हैं। खासतौर पर इन इलाकों में मकान मालिक पोर्शन और कमरा किराए पर देते हैं। शिक्षित होने के बाद मकान मालिक किराएदारों का पुलिस सत्यापन नहीं करते हैं।

ऑनलाइन करा सकते हैं वैरीफिकेशन

लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के मुताबिक, मकान मालिक को किराएदारों को पुलिस सत्यापन करना बेहद जरूरी है। जनता को थानों और चौकी में चक्कर न लगाना पड़े तो वह Lucknopolice.up.gov.in वेबसाइट पर घर बैठे किराएदारों का वैरीफिकेशन करा सकते हैं। इसके अलावा यूपी कॉप मोबाइल एप्लीकेशन की मदद ले सकते हैं।

उन्‍होंने बताया कि मकान मालिक को अपने किराएदार का नाम, पता, पहचान पत्र, फोटो के साथ अपना पता भी अपलोड करना होता है। फिर मकान मालिक को टीएन नंबर मिलता है, जिससे वैरीफिकेशन हो जाता है। जानकारी के अभाव में मकान मालिक इन सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

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