नई दिल्ली। गुवाहटी में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक संपन्न होने के बाद आम जनता को जीएसटी में राहत दी गई है। जीएसटी काउंसिल की इस 23वीं बैंठक में 178 चीजों को 28 फीसदी के स्लैब से निकलाकर 18 फीसदी के स्लैब में कर दिया गया है, जिससे न सिर्फ आम जनता को फायदा पहुंचा है, बल्कि जीएसटी का विरोध कर रहे व्यापरियों के लिए भी ये एक अच्छी खबर है। वहीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में आम जनता और व्यापरियों को फायदा पहुंचाए जाने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों से जनता को आगे फायदा होगा और कर व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पीएम ने कहा कि जनता की भागीदारी सरकार के कामकाज के तौर तरीकों का मूल है और सरकार के सभी फैसले लोगों के अनुकूल और लोगों के लिए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशें हमारे नागरिकों को आगे लाभ पहुंचाएगी और जीएसटी को मजबूती प्रदान करेगी। पीएम ने कहा कि ये सिफारिशें जीएसटी पर हमे अनेक पक्षकरों से मिल रहे फीडबैक पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सरकार देश के आर्थिक एकिकारण के विकास के लिए अथक प्रयास कर रही है। बता दें कि जीएसटी के निर्धारण में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव करते हुए काउंसिल ने चुइंग गम से लेकर चॉकलेट, सौंदर्य प्रसाधनों, विग से लेकर हाथ घड़ी तक करीब 200 उत्पादों पर कर की दरें घटा दी है। उम्मीद है कि इससे उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ साथ उद्योग एवं व्यापार जगत को सुस्ती के दौर में सहूलियत होगी।
वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी ने 178 वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाकर 18 फीसदी कर दी है। पहले इन वस्तुओं को 28 फीसदी के कर दायरे में रखा गया था। उन्होंने कहा कि सभी रेस्तरां जोकि पांच सितारा होटल से बाहर हैं, उन पर कर की दर 5 फीसदी तय कर दी गई है। हालांकि उन्हें इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा। जीएसटी के 28 फीसदी स्लैब में अब केवल 50 उत्पाद होंगे, जिनमें व्हाइट गुड्स, सीमेंट और पेंट्स, वाहन, हवाई जहाज और मोटरबोट शामिल हैं।