स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साल 2016 में लागू किए गए योजनाओं में से स्टार्टअप इंडिया एब प्रभावशाली योजना है। 16 जनवरी 2016 को पीएम ने इस योजना का शुभारंभ किया, जिसके अर्न्तगत देश के युवाओं को ध्यान में रखते हुए उनके रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की गई। इस योजना के अर्न्तगत प्रधानमंत्री ने अगले चार साल में 10 हजार करोड़ रुपये का फंड बनाने का ऐलान किया। इसमें हर साल ढाई हजार करोड़ रुपये का फंड स्टार्टअप्स को दिए जाएंगे। इस योजना के तहत लाइसेंस और परमिट राज दूर करने का भरोसा दिलाया। साथ ही स्टार्टअप से होने वाले फायदे में तीन साल तक कोई टैक्स नहीं लगेगा।
प्रधानमंत्री ने इस घोषणा में कहा कि यह योजना भविष्य में उद्योग जगत को नई गति देगा। दी ने कहा कि स्टार्टअप कारोबारियों द्वारा कमाये जाने वाले मुनाफे पर व्यावसाय शुरू होने के पहले तीन साल तक इनकम टैक्स से छूट होगी। ऐसे उद्यमों में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों द्वारा किए गए निवेश के बाद अपनी संपत्ति बेचने पर 20ः की दर से लगने वाले पूंजीगत लाभ टैक्स से भी छूट होगी।
सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जबाब-
सितंबर में कश्मीर के उरी में सेना पर हुए आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हुए। देश में पाकिस्तान को उसी की भाषा में जबाब देने की मांग तेजी से उठने लगी। सेना के जवानां के मारे जाने से देश में माहौल बिगड़ रहा था। उरी हमले के 10 दिनां के भीतर ही सरकार और सेना ने मिलकर पाकिस्तान को उसी के भाषा में जबाब देने का फैसला किया। भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुस कर उरी हमले का बदला लिया। सेना ने 29 सितंबर को उरी हमले के 10 दिनों के बाद ही पीओके में घुसकर 7 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया जिसमें करीब 38 आतंकी मारे गए। सेना के 150 जवानों के स्पेशल दस्ते ने एलओसी में तीन किमी अन्दर घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया।
इस स्ट्राइक के बारे में जानकारी देते हुए डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने मीडिया को बताया, “आतंकवाद के खिलाफ इस अभियान में आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों को भारी नुकसान हुआ।यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति की बैठक की गई। हालांकि पाकिस्तान ने इस स्ट्राइक को मानने से इनकार कर दिया। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद विपक्ष ने सरकार के इस बयान को खारिज करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पेश करने को कहा। कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने सेना ने अगर कोई सर्जिकल स्ट्राइक की है तो सरकार उसका सबूत पेश करे, वहीं आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी राजनीति से बाज नहीं आए और उन्होंने कहा कि भाजपा यहां राजनीति करना चाह रही है, सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पेश किए जाएं, हालांकि इसका देश के कोने कोने से जमकर विरोध होते देखा गया।