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योजनाओं और साहसिक निर्णयों को लेकर साल भर छाए रहे पीएम मोदी

modi योजनाओं और साहसिक निर्णयों को लेकर साल भर छाए रहे पीएम मोदी

                                                                     किसानों के लिए फसल बीमा योजना की हुई शुरुआत-
भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है, एक बड़ी संख्या में भारत की जनसंख्या गांव में निवास करती है जहां पर खेती उनके व्यवसाय का प्रमुख साधन है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया, इस योजना के अन्तर्गत देश के किसानों को बीमा कम्पनियों को खरीफ की फसल के लिए 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना होगा। इस योजना से खड़ी फसल या फिर खेत में कट चुकी फसल पर भी अगर किसी प्रकार से आपदा आती है तो सरकार की तरफ से इसमें सहायता की बात की गई है।

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इस योजना में किसानाें को प्राकृतिक आपदा, जिसमें खेतों में की गई उसकी पूरी मेहनत बर्बाद हो जाती है ऐसे में किसानों को फसल की सुरक्षा देने के लक्ष्य से फसल बीमा योजना का आरंभ किया गया। इस योजना के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि हालांकि पहले भी फसल बीमा योजनाएं थीं, लेकिन मुख्यतः फसल ऋणों तक सीमित होने के कारण वे आंशिक रूप से कही सफल थीं। उन्होंने कहा, “यह फसल बीमा पहले से अलग तरह का है और यह अंतर भारतीय किसानों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों और तिलहनों के लिए किसानों के लिए देय प्रीमियम सम एश्योर्ड का दो फीसदी और रवी फसलों के लिए 1.5 फीसदी है। फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को अधिक भुगतान किया जाएगा। शेष प्रीमियम राशि में से आधा केंद्र सरकार और आधा राज्य सरकार वहन करेगी।
                                                                                          विमुद्रीकरण रहा चौंकाने वाला निर्णय-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल में हालांकि कई बड़े निर्णय लिए इसमें विमुद्रीकरण की घोषणा को सबसे साहसिक घोषणा कही जा सकती है। साल के आखिरी कुछ महीनों में वो सब देखने को मिला जोकि देश की आजादी के बाद की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक रहा। 8 नवंबर 2016 के रात 8 बजे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने तत्काल प्रभाव से 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने का फरमान सुनाया। इसके साथ ही यह भी घोषणा की गई कि सरकार 500 और 2000 के नए नोटों को चलन में लाएगी, यह भी कहा गया कि बैंको में पुराने नोटों को 30 दिसंबर तक बदलवाया जा सकता है। पुराने नोटों को बदलवाने और नए नोटों को निकालने के बैंको में लंबी लंबी लाइनें देखने को मिली। शुरुआत के दिनों में लोगों में इसको लेकर काफी हड़बड़ी देखने को मिली, लाइनों मे लगे कई लोगों की मौतें हुए।

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विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं गंवाया। हालांकि सरकार की तरफ से जनता की सुविधानुसार नियमों में ढ़ील दिया जाता रहा, पर फिर भी 125 करोड़ की आबादी को पूरी तरह से नोट उपलब्ध कराने में सरकार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इनसबके बीच मोदी सरकार की विश्वस्तर पर तारीफ भी हुई, कई देशों ने प्रधानमंत्री मोदी की इस फैसले को लेकर तारीफ भी किया है, प्रधानमंत्री के निर्णय को साहसिक बताया गया, यहां तक कि एक देश वेनेजुएला ने इसी तर्ज पर अपने देश की सबसे बड़ी करेंसी को बंद का दिया लेकिन जनता के विरोध के चलते सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा।

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