नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 से 12 फरवरी के बीच फिलिस्तीन, यूएई और ओमान की यात्रा पर जा रहे हैं। मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और इन देशों के बीच व्यापार, निवेश, सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, ऊर्जा समेत द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया जाएगा।

बता दें कि साल 2017 में जब पीएम मोदी इजरायल गए थे तब वह फिलिस्तीन नहीं गए थे जिस पर काफी निराशा जताई गई थी। कूटनीतिक जानकार मानते हैं कि यह कदम भारत की पूर्व में अपनाई गई नीति से ठीक उलट थी। इससे पहले, यह परंपरा रही है कि भारतीय राजनेता एक साथ दोनों पश्चिम एशियाई मुल्कों का दौरा करते रहे हैं।
वहीं भारत द्वारा इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर अपनाई गई इस नई नीति को कूटनीतिक एक्सपर्ट डी हाइफनेशन नाम देते हैं। अमेरिका के भारत और पाकिस्तान से रखे गए कूटनीतिक रिश्तों को इसके उदाहरण के तौर पर दिया जाता है। इसके तहत, पहले बुश और बाद में ओबामा शासन ने यह फैसला किया कि वह भारत और पाकिस्तान की आपसी तल्खी को नजरअंदाज करते हुए दोनों मुल्कों से रिश्तों को अलग-अलग तरजीह देगा।