सीकर। राजस्थान के सीकर में प्रशासन की संवेदनशीलते के चलते शहर की एक चौथाई आबादी और ग्रामीण क्षेत्र से लोगों का आवागमन सालों तक प्रभावित रह सकता है। वहीं इस परेशानी को लेकर ग्रामीणों ने सरकार से गुहार भी लगाई है, लेकिन लगता है कि राजस्थान सरकार अपने इन जनप्रतिनिधियों की अनदेखी कर रही है।
दरअसल ये मामला सीकर के राधाकिशनपुरा रेलवे फाटक का है। वहीं अगर अधिकारियों की माने तो रेलवे लाइन पर परिवर्तन का काम चल रहा है। बता दें कि सीकर रेलवे स्टेशन के पास शहर की एक चौथाई आबादी रहती है, जिन्हे राधाकिशनपुरा का रेलवे फाटक शहर के बाकि हिस्सो से जोड़ता है। रेलवे फाटक को अण्डर पास करने की मांग को लेकर स्थानिय सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती ने जनता की समस्या को रेल मंत्रालय के समक्ष पेश करने का आशवासन दिया है।
वहीं सांसद की दखल के बाद रेलवे विभाग के उच्चस्तरीय तकनीकी दल की ओर से किए गए सर्वेक्षण में अण्डरपास के लिए शहर की ओर आने वाले मार्ग पर हाल ही में निर्माणाधीन दो भवनों को बाधक बता कर जिला प्रशासन से कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। जिला प्रशासन की तरफ से रेलवे अधिकारियों की अभिशंषा पर विधि सम्मत प्रशासनिक कार्रवाई करने की बजाय अनदेखी की गई है।
बताते चले कि जिला प्रशासन की ओर से की जा रही जन समस्या की उपेक्षा और तथाकथित लोगों को दिए जा रहे सहयोग पर शहरवासी अनेक सवालिया निशान उठा रहे है। अण्डरपास की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी लोगों का कहना है कि रेल इंजन व गाड़ियों की शंटिंग और बड़ी रेल लाइन चालू होने से यात्री और मालगाड़ियों का आवागमन बढ़ने से दिन में तीन घण्टे से भी अधिक समय तक फाटक बंद रहेगा।