Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने छह महीने में खोले गए संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया।
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हालांकि डिनोटिफाई किए जा रहे संस्थानों में शिक्षण संस्थानों और स्वास्थ्य संस्थानों को बाहर रखा गया था। प्रदेश सरकार ने अधिकारियों से इस बाबत रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट आने के बाद अब प्रदेश सरकार ने 19 कॉलेजों को बंद करने का फैसला लिया है।
इसके अलावा रविवार को 1 अप्रैल 2022 के बाद अपग्रेड किए गए 286 मिडिल, हाई और सेकेंडरी स्कूलों को पहले ही डिनोटिफाई किया जा चुका है। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है।
सुक्खू सरकार ने डिनोटिफाई किए 19 कॉलेज
राजकीय महाविद्यालय स्वारघाट, राजकीय महाविद्यालय बलहसीना, राजकीय महाविद्यालय मसरूंद, राजकीय महाविद्यालय गलोड़, राजकीय महाविद्यालय लम्बलू, गवर्नमेंट कॉलेज ब्रांदा, गवर्नमेंट कॉलेज कोटला, राजकीय महाविद्यालय रिर्कमार, राजकीय महाविद्यालय चढ़ियार, राजकीय महाविद्यालय पांगना, राजकीय महाविद्यालय पंडोह, गवर्नमेंट कॉलेज बागा चनोगी, गवर्नमेंट कॉलेज जलोग, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय सिंहला, राजकीय महाविद्यालय सतौन, राजकीय महाविद्यालय ममलीग, राजकीय महाविद्यालय चंडी, गवर्नमेंट कॉलेज बरूना और राजकीय संस्कृत महाविद्यालय जगतसुख।
अर्थव्यवस्था पर 5 हजार करोड़ का बोझ
प्रदेश सरकार का तर्क है कि बेवजह खोले गए संस्थानों से अर्थव्यवस्था पर 5 हजार करोड़ का बोझ पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश पर पहले ही 75 हजार करोड़ रुपए का बोझ है।