तेल अवीव से यरुशलम में अमेरिकी दूतावास के शिफ्ट किये जाने पर गाजा-इजरायल सीमा पर फिलीस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को भारी विरोध प्रदर्शन शुरू किया। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इजराइली सेना की गोलीबारी में 58 फिलीस्तीनियों की मौत हो गई जबकि 2,700 घायल हो गए। इजराइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस गोलीबारी को लेकर कहा कि इजराइल तटीय एन्क्लेव के सत्तारूढ़ हमास समूह के खिलाफ अपनी देश की सुरक्षा का काम कर रहा था।
वाशिंगटन के ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन थिंक टैंक में फिलीस्तीनी नेतृत्व के पूर्व सलाहकार खालिद एल्गीन्डी ने कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले को शांत करने के लिए कुछ भी नहीं किया, उन्हें कम से कम इजराइली सेना को फिलिस्तीन प्रदर्शनकारियों पर गोलबारी करने से रोकना चाहिए।’ बता दें कि यह हिंसा यरुशलम में अमेरिकी दूतावास के शिफ्ट किये जाने को लेकर हुई है, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप, उनके दामाद जेयर्ड कुश्नर और वित्त मंत्री स्टीवन नुचिन के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया था।
गौरतलब है कि इस मामले में अल कायदा आतंकी अयमान-अल-जवाहिरी ने भी रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हए अमरीका को जेहाद की धमकी भी दे दी। उसने कहा कि अमेरिका का यरुशलम में अपना दूतावास शिफ्ट करना इस बात का प्रूफ है कि फिलिस्तीन के साथ बातचीत और शांति की कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। अब मुस्लिमों को अमेरिका के खिलाफ जिहाद करना चाहिए।
यरुशलम की आबादी 8.82 लाख है। शहर में 64 फीसद यहूदी, 35 फीसद अरबी और एक फीसद अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। शहर का क्षेत्रफल 125.156 वर्ग किमी है। इजरायल और फलस्तीन, दोनों ही अपनी राजधानी यरुशलम को बनाना चाहते थे। इस ऐतिहासिक शहर में मुस्लिम, यहूदी और ईसाई समुदाय की धार्मिक मान्यताओं से जुड़े प्राचीन स्थल हैं।