लखनऊ: गुरुवार को लखनऊ स्थित अटल बिहारी वाजपेई अंतरराष्ट्रीय इकाना स्टेडियम में ओलंपिक पदक विजेताओं का सम्मान किया गया। इस दौरान प्रदेश भर से खिलाड़ी वहां एकत्रित हुए। कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेरठ स्पोर्ट यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान किया।
इसके अतिरिक्त डाइट के लिए मिलने वाली रकम को 250 से बढ़ाकर ₹375 कर दिया गया। जिला और पंचायत स्तर पर खेल से जुड़ी कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाने की बात कही गई। राजधानी लखनऊ में कुश्ती एकेडमी बनाने का ऐलान हुआ है। इसी विषय पर Bharatkhabar.com के संवाददाता आदित्य मिश्र ने खेल से जुड़े हुए लोगों के साथ विशेष बातचीत की।
इसी ऐलान कर ग्रेपलिंग कमेटी ऑफ उत्तर प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी मनोज कुमार यादव ने बातचीत के दौरान बताया कि लखनऊ में हुआ आयोजन काफी सराहनीय है। इससे प्रदेश के युवाओं को आगे बढ़ने और बेहतर प्रदर्शन करने की हिम्मत मिलेगी। उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार कई अच्छे प्रयास कर रही है, जिसका फायदा खेल खिलाड़ियों को जरूर मिलना चाहिए। लेकिन अभी भी पूरे खेल विभाग के अंदर कई खामियां हैं।
उन्होंने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से जो योजना और सुविधा दी जाती है, वह जमीनी स्तर पर बहुत कम ही लोगों को मिलती है। उन्होंने कहा कि कुश्ती का सेंटर पूर्वांचल में भी होना चाहिए क्योंकि वाराणसी, गाजीपुर और पूर्वांचल के अन्य जिलों में कुश्ती की तरफ खिलाड़ियों का झुकाव ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक ऐसा क्षेत्र है, जहां अभी भी खेल से जुड़ी कई सुविधाएं उपलब्ध करवाने की जरूरत है।
इस विषय पर ग्रेपलिंग कमेटी ऑफ लखनऊ के जनरल सेक्रेटरी आकाश मौर्य ने बताया कि सरकार द्वारा खिलाड़ियों को मिलने वाले बजट में सुधार काफी सराहनीय कदम है। जो पैसा सरकार की तरफ से भेजा जाता है, उसकी निगरानी करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी भी होनी चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि ओलंपिक स्तर पर अगर बेहतर प्रदर्शन करना है तो स्कूली शिक्षा में खेल को अनिवार्य कर देना चाहिए। बच्चे जब बचपन से खेल की तरफ आकर्षित रहेंगे, तभी आगे जाकर उनका प्रदर्शन बेहतर हो पाएगा। हम चार साल में एक बार ओलंपिक और खेल की बात करते हैं, ये सोच बदलनी होगी।