राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आज यानि शुक्रवार को नर्सें हड़ताल करने जा रही है। डीएनयू के इस आंदोलन को लेकर अब ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेस फेडरेशन ने भी इसे समर्थन देने की बात कही है।
आंदोलन करने जा रहे नर्सिंग स्टाफ की माने तो वह लगातार पिछले काफी समय से मरीजों की सेवा करती आ रहीं हैं। ऐसे में अब कोरोना की आड़ में मरीजों के इलाज के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से नर्सों को भर्ती करने की तैयार की जा रही है, जो सही नहीं है। यह ना केवल सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का उल्लंघन है, बल्कि यह रेगुलर भर्ती के भी खिलाफ है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
क्यों नहीं की जा रही रेगुलर तरीके से भर्ती ?
दिल्ली नर्सेज यूनियन और एआईजीएनएफ की माने तो स्वास्थ्य विभाग और परिवार कल्याण मंत्रालय बजट घटाने की बात कह रहा है । लेकिन वहीं दूसरी तरफ कॉन्ट्रैक्टर को भी बीच में लाया जा रहा है। आंदोलन करने जा रही नर्सों की माने तो विभाग द्वारा नर्सों की भर्ती रेगुलर तरीके से क्यों नहीं की जा रही।
नर्सिंग स्टाफ का आंदोलन रहेगा जारी
आंदोलन कर रही नर्सों की माने तो सरकार ने अगर आउटसोर्स से भर्ती का फैसला वापिस नहीं लिया तो यह आंदोलन जारी रहेगा। हालांकि इससे पहले भी 2015 और 2016 में सफदरजंग अस्पताल में आउटसोर्स से नर्सिंग स्टाफ को भर्ती करने की कोशिश की गई थी। लेकिन उस विरोध को रद्द कर दिया गया था ।