नई दिल्ली: मॉरिशस के पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ का 91 साल की उम्र में निधन हो गया है। भारतीय मूल के अनिरुद्ध जगन्नाथ मॉरिशस के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ही पदों पर रह चुके हैं। जगन्नाथ के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने दुख जातते हुए लिखा “उन्हें प्रवासी अनिरुद्ध जगन्नाथ पर गर्व है उन्होंने द्विपक्षीय संबंध बनाने में मदद की जिससे उनकी विरासत को फायदा मिले। उनके परिवार और मॉरिशस के लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।”
Padma Vibhushan Sir Anerood Jugnauth, a tall leader & statesman, was the architect of modern Mauritius. A proud Pravasi Bharatiya, he helped forge the special bilateral relationship that will benefit from his legacy. Condolences to his family & the people of Mauritius. Om Shanti. pic.twitter.com/CktEnK4XMn
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2021
अनिरुद्ध जगन्नाथ का निधन हिंदी प्रेमी के तौर पर बहुत बड़ी क्षति है। भारत और हिंदी के प्रति अपने खास लगाव के लिए पहचाने जाने वाले अनिरुद्ध जगन्नाथ को प्रथम प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा गया था। प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के पिता अनिरुद्ध जगन्नाथ के पूर्वज उत्तर प्रदेश के बलिया से मॉरिशस पहुंचे थे। उनके पिता विदेशी यादव और चाचा झुलई यादव को अंग्रेजी हुकूमत ने 1873 में गिरमिटिया मजदूर के रूप में गन्ने की खेती के लिए जहाज से मॉरीशस भेजा था। आज यह परिवार मॉरिशस का सबसे प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार के रूप में जाना जाता है।
जगन्नाथ का राजनीति सफर
जगन्नाथ को प्रथम प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाज़ा गया था। जगन्नाथ मॉरिशस में मूवमेंट सोशलिस्ट मिलिटेंट पार्टी के नेता रहे। बतौर आईएफ़बी प्रत्याशी पहली बार 1963 में संसद के लिए चुने गए। इसके बाद वह 1965 में ऑल मॉरिशस हिंदू कांग्रेस के सदस्य बने। साल 1965-66 में शिवसागर रामगुलाम की सरकार में उन्हें विकास राज्य मंत्री बनाया गया और नवम्बर 1966 में वे श्रम मंत्री बने। जगन्नाथ 1970 में मूवमेंट मिलिटेंट मॉरिसिएन में शामिल हुए और उसके पश्चात उसी दल के नेता बने। वह 1976 में हुए चुनाव में जीते और विपक्ष के नेता चुने गए। साल 1982 में जगन्नाथ को बड़ी जीत मिली और उन्हें प्रधानमंत्री चुना गया।