featured देश राज्य

एनआरसी विवाद: राजनाथ का बयान कहा, कुछ लोग डर का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं

rajnath singh एनआरसी विवाद: राजनाथ का बयान कहा, कुछ लोग डर का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं

नई दिल्ली: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में कहा कि हाल ही में जारी एनआरसी के दूसरे मसौदे को लेकर कुछ लोग डर का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं वहीं निहित स्वार्थ वाले लोग सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार कर रहे हैं ताकि देश में सांप्रदायिक सौहाद्र्र को बिगाड़ा जा सके तथा मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण किया जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि एनआरसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है तथा इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह
गृह मंत्री राजनाथ सिंह

यह बेहद अफसोस की बात है

गृह मंत्री ने एनआरसी मुद्दे पर उच्च सदन में मंगलवार को हुई चर्चा का आज जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद अफसोस की बात है कि कुछ लोग अनावश्यक रूप से डर का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में गलतफहमियां भी फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ निहित स्वार्थ वाले लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार किया जा रहा है ताकि मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण किया जा सके और सांप्रदायिक सौहाद्र्र को बिगाड़ा जा सके।’’  उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास राष्ट्रविरोधी हैं और उनका हर तरह से विरोध किया जाना चाहिए।

यह अंतिम एनआरसी नहीं है

सिंह ने कहा कि यह अंतिम एनआरसी नहीं है, यह मसौदा है। उन्होंने कहा कि अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के पहले सभी लोगों को कानूनी प्रावधानों के अनुरूप दावा करने का पर्याप्त मौका मिलेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।  सिंह ने एनआरसी की पूरी प्रकिया को पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ बताया तथा कहा कि इसमें किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया गया है।

गिनाए कुछ आंकडे

उन्होंने कहा कि सारी अपेक्षित छानबीन और सत्यापन के बाद ही मसौदा तैयार किया गया है। इसमें उन लोगों तथा उनके वंशजों के नाम शामिल हैं जिनके नाम 24 मार्च 1971 तक की मतदाता सूची या एनआरसी 1951 में दर्ज थे। उन्होंने कहा कि भूमि रिकार्ड, पासपोर्ट, जीवन बीमा पालिसी, सहित 12 दस्तावेजों को मंजूरी प्रदान की गयी है।  सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात से बड़ी निराशा हुई कि कुछ जिम्मेदार पदों पर आसीन लोगों ने ऐसे बयान दिए जो भड़काऊ औरर उत्तेजना पैदा करने वाले थे।

राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें

साथ  ही उन्होंने कहा कि यह विषय भारत की सुरक्षा से जुड़ा है और सभी से उम्मीद की जाती है कि वे राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें। उन्होंने कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया का प्रारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा किए गए असम समझौते के अंतर्गत हुआ था। बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। उन्होंने इस क्रम में एनआरसी की पृष्ठभूमि और इससे जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम का उल्लेख किया।

  -by ankit tripathi

Related posts

कोरोना अपडेट : भारत में बीते 24 घंटे में सामने आए 11,466 नए मामले, 460 की हुई मौत

Neetu Rajbhar

मंगल ग्रह पर मिल रहीं इंसान की हड्डियों में कितनी सच्चाई?

Mamta Gautam

मुख्यमंत्री आवास पर जारी बैठक, गहलोत की कोशिश जल्द से जल्द बुलाया जाए सत्र

Rani Naqvi