लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुक्रवार को एक शासनादेश जारी किया गया, जिसमें किसी भी विकास कार्य को करने के दौरान वृक्षों की कटाई पर रोक लगाने की बात कही गई। इस आदेश की जानकारी पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं वन विभाग को उपलब्ध करवाई गई
अक्सर प्रदेश में विकास कार्यों के दौरान कई बार पेड़ों को काटना पड़ जाता है। ऐसी स्थिति में इसका असर हमारे वातावरण पर भी पड़ता है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार की तरफ से यह नया आदेश जारी किया गया है।
नये आदेश में कहा गया कि अगर विकास कार्य करने के दौरान कोई भी पेड़ इसमें बाधा बनता है तो उसे काटा नहीं जाएगा। बल्कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके उसे दूसरी जगह पर लगाने की पूरी कोशिश की जाएगी। विभाग की तरफ से अब पेड़ कटाई की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।
अधिनियम 1980 की धारा 2 में वृक्षों के प्रत्यारोपण की शर्त को शामिल कर दिया गया है। आसान भाषा में समझें तो अगर गैरवानिकी विकास कार्य कहीं हो रहा है तो इसके लिए अब वृक्षों को काटने की अनुमति सरकार की तरफ से नहीं दी जाएगी। सभी वृक्षों को उस जगह से हटाकर दूसरी जगह पर लगाया जाएगा।
इसके लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल होगा। विदेशों में भी ऐसा देखने को मिलता है। उत्तर प्रदेश सरकार इसी पहल को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। जिसका मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और बेहतर वातावरण को बढ़ावा देना है।