प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कुशीनगर में लगभग 254 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि विश्व भर के बौद्ध समाज के लिए भारत श्रद्धा और आस्था का केन्द्र है।
पीएम मोदी ने किया कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कुशीनगर में लगभग 254 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि विश्व भर के बौद्ध समाज के लिए भारत श्रद्धा और आस्था का केन्द्र है। आज कुशीनगर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की यह सुविधा, उनकी श्रद्धा को अर्पित पुष्पांजलि है। भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति से लेकर महापरिनिर्वाण तक की सम्पूर्ण यात्रा का साक्षी यह क्षेत्र आज सीधे दुनिया से जुड़ गया है।
‘सबका प्रयास की सहायता से सबके विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है’
पीएम मोदी ने कहा कि देश सबका साथ और सबका प्रयास की सहायता से सबके विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुसीनगर सिर्फ भारत के अनुयायियों के लिये ही नहीं, बल्कि देश के सभी नागरिकों के लिये भी बहुत बड़ा श्रद्धा और आकर्षण का केन्द्र बनने जा रहा है। कुशीनगर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट एयर कनेक्टिविटी का माध्यम बनने के साथ-साथ इसका सीधा लाभ किसान, पशुपालक, दुकानदार, श्रमिक, उद्यमी को मिलेगा। सबसे ज्यादा लाभ यहां के टूरिज्म, ट्रेवल टैक्सी, होटल-रेस्टोरेन्ट, छोटे-छोटे बिजनेस करने वालों को मिलेगा।
पर्यटन आस्था और आनन्द के लिए हो- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन किसी भी स्वरूप में हो, आस्था और आनन्द के लिए हो। आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर इसके लिये बहुत ज्यादा जरूरी है। रेल, रोड, एयरवेज, वॉटरवेज के साथ साथ होटल, हॉस्पिटल, इण्टरनेट-मोबाइल कनेक्टिविटी, सफाई व्यवस्था, सीवरेज ट्रीटमेन्ट का प्लान्ट यह अपने आप में एक सम्पूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर है। पीएम ने कहा कि टूरिज्म बढ़ाने के लिए इन सभी का एक साथ कार्य करना जरूरी है। आज 21वीं सदी का भारत इसी एप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है।
350 से अधिक रूटों पर हवाई सेवा शुरू हुई- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन में भारत की तेज गति एवं प्रगति से दुनिया में एक विश्वास पैदा होगा। एयर कनेक्टिविटी को देश में उन लोगों और उन क्षेत्रों तक पहुंचाने पर जोर दिया गया, जिसके बारे में पहले सोचा भी नहीं गया था। इसी लक्ष्य के साथ उड़ान योजना को 4 साल पूरे हो रहे हैं। उड़ान योजना के बीते सालों में 900 से अधिक रूटों को स्वीकृति दी जा चुकी है और इनमें 350 से अधिक रूटों पर हवाई सेवा शुरू भी हो चुकी है।