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अमानवीय: बंगाल मॉनिटर छिपकली के साथ 4 लोगों ने किया कुकर्म, हुए गिरफ्तार

Bengal Monitor Lizard अमानवीय: बंगाल मॉनिटर छिपकली के साथ 4 लोगों ने किया कुकर्म, हुए गिरफ्तार

महाराष्ट्र के रत्नागिरी से एक अमानवीय घटना सामने आ रही है। इस जिले की सह्यादरी टाइगर रिजर्व में एक बंगाल मॉनिटर छिपकली के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है कहा जा रहा है कि यह लोग जंगल में शिकार करने की नियत से पहुंचे थे।

कैसे ज्ञात हुई रेप की बात?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया है कि आरोपियों ने रत्नागिरी जिले के गोठाणे गांव के सह्यादरी टाइगर रिजर्व में प्रवेश किया था। उनका जंगल में घुसने का मकसद शिकार करना था। 

वन विभाग के अधिकारी के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों का पता लगाया गया 31 मार्च को इस मामले को लेकर f.i.r. दर्ज की गई थी और बाद में छिपकली के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया जब इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया तो इन के मोबाइल से बंगाल मॉनिटर छिपकली के साथ रेप का वीडियो मिला. वीडियो को देखते सब हैरान हो गए. यह सभी आरोपी कोंकण से कोल्हापुर के चंदौली गांव में शिकार करने आए थे। इन सभी की पहचान संदीप तुकाराम पवार, मंगेश कामटेकर, रमेश घग और अक्षय कामटेकर के रूप में हुई है। इन सभी आरोपियों में से सबसे पहले 1 अप्रैल को संदीप पकड़ा गया। उसके बाद पूछताछ में उसने बाकी लोगों का नाम कबूला और फिर पुलिस ने इन सभी लोगों को धर दबोचा है फिलहाल सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है। 

आरोपियों के खिलाफ कैसे होगी कार्यवाही

पीटीआई की खबर के मुताबिक सह्यादरी टाइगर रिजर्व के सीरियल डायरेक्टर नाना साहेब का कहना है कि चारों आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के विभिन्न धाराओं के तहत मामले को दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और उचित नियम कानूनों के तहत कार्यवाही की जाएगी। 

इस अमानवीय घटना की क्या मिल सकती है सजा

 भारतीय दंड संहिता के तहत साल 1972 में वन्यजीवों का अवैध शिकार करना उनके हाड मास और खाल का अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए वन संरक्षण अधिनियम 1972 लागू किया गया था इसके तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामूली कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया था लेकिन इस कानून से कोई फायदा नहीं हुआ लिहाजा 2002 में चैट को संशोधित किया गया और भारतीय वन्य जीव संरक्षण संशोधित अधिनियम 2002 कर दिया गया है अधिनियम के तहत अपराधी पाए जाने वाले व्यक्ति को कम से कम 3 साल और अधिकतम 7 साल की कारावास की सजा हो सकती है साथ ही 25,000 से अधिक व 25000 का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बंगाल मॉनिटर छिपकली क्या होती है खासियत?

बंगाल मॉनिटर छिपकली बड़े आकार की छिपकली होती है जो जंगलों में आमतौर पर जमीन पर रिंग की नजर आती है इसकी कुल लंबाई करीब 61 से 175 सेंटीमीटर तक होती है। यह छिपकली भारतीय उपमहाद्वीप के साथ दक्षिणी पूर्वी एशिया और पश्चिमी एशिया के कुछ हिस्सों में भी पाई जाती है। भारत में बंगाल मॉनिटर छिपकली को वन्य संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत आरक्षित प्रजाति का जीव घोषित किया गया है। यदि इस छिपकली के स्वभाव की बात करें तो यह छिपकली बेहद शर्मीली स्वभाव की होती हैं। जो इंसानों से डरती है। इसकी नजर बेहद तेज होती है। यह लगभग 250 मीटर तक की दूरी पर इंसान की चहल-पहल का पता लगा सकती है।

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