प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में ‘डिपॉजिटर्स फर्स्ट: गारंटीड टाइम-बाउंड डिपॉजिट इंश्योरेंस पेमेंट अप टू 5 लाख रुपये’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने बैंकों में डिपॉजिट पर मिलने वाली 5 लाख रुपये की इंश्योरेंस गारंटी के बारे में जानकारी दी।
Bank Deposit Insurance Scheme में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में ‘डिपॉजिटर्स फर्स्ट: गारंटीड टाइम-बाउंड डिपॉजिट इंश्योरेंस पेमेंट अप टू 5 लाख रुपये’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने बैंकों में डिपॉजिट पर मिलने वाली 5 लाख रुपये की इंश्योरेंस गारंटी के बारे में जानकारी दी। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि आज की तारीख में कोई भी बैंक संकट में आता है तो जमाकर्ता को पांच लाख रुपये तक जरूरत वापस मिलेंगे।
जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस दिलाया जा रहा है- पीएम
प्रधानमंत्री ने ‘डिपॉजिट फर्स्ट: पांच लाख रुपये तक के समयबद्ध जमा राशि बीमा भुगतान की गारंटी’ विषय पर आधारित समारोह में कहा कि हम जानते हैं कि आज देश ने बहुत बड़ा बदलाव किया, बहुत बड़ी मजबूत व्यवस्था शुरू की है, जिसमें जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस दिलाया जा रहा है।
बैंक डूबेगा, लेकिन जमाकर्ताओं का पैसा नहीं- पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि बैंक डूबने पर कई दिनों तक खबरें चलती रहती हैं। इसकी भी इतनी ही चर्चा मीडिया में हो। इससे देश के जमाकर्ताओं में विश्वास पैदा होगा। हो सकता है भविष्य में बैंक डूबेगा, लेकिन जमाकर्ताओं का पैसा नहीं डूबेगा। बैँकिंग व्यवस्था पर भरोसा पैदा होगा। पीएम ने कहा कि एक समय था जब कोई बैंक संकट में आ जाता था, तब जमाकर्ताओं को अपना ही पैसा पाने में नाकोदम निकल जाता था और चारों तरफ हाहाकार मच जाता था। लेकिन अब तीम महीने में जमाकर्ता को पैसे मिले ये कानूनी दायरे में है।
डिपॉजिट इंश्योरेंस और ऋण गारंटी निगम ने जारी की है पहली किस्त
गौरतलब है कि नए नियम के तहत डिपॉजिट इंश्योरेंस और ऋण गारंटी निगम ने अंतरिम भुगतान की पहली किस्त हाल में जारी की है। यह रकम 16 शहरी सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को जारी की गई है। आंकड़ों के मुताबिक करीब 1 लाख जमाकर्ताओं के वैकल्पिक बैंक खातों में 1,300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। एक बड़े सुधार के तहत सरकार ने बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। ये रकम ग्राहकों को तब मिलती है जब बैंक बंद हो जाए या दिवालिया घोषित हो जाए।