भोपाल। हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में कई विशेष विज्ञापनों के कारण एमपी कांग्रेस इकाई को शर्मसार होना पड़ा। विज्ञापनों के सौजन्य में एमपी कांग्रेस समिति के नाम के छपे थे जो कई हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में दिखाई दिया। इसमें एक ऐसा कॉलम था जिसमें पाठकों को मुख्यमंत्री की जीवन यात्रा के बारे में जानकारी है।
विज्ञापन में लिखा है कि, “1996 में मुझे उन्हे (कमलनाथ) सुंदरलाल पटवा ने पटखनी दी थी (सुंदरलाल पटवा ने 1996 में उन्हें चुनाव में हरा दिया था)। 1979 में, जनता पार्टी की सरकार ने संजय गांधी को जेल में डाल दिया था और इंदिरा गांधी अपने बेटे की सुरक्षा के बारे में चिंतित थीं। कमलनाथ ने जानबूझकर एक न्यायाधीश के साथ बहस की और संजय गांधी के साथ सात दिनों तक जेल में रहे।
विज्ञापन में एक और विवादास्पद उदाहरण का उल्लेख किया गया था जब वह 1993 में सीएम की दौड़ में दिग्विजय सिंह से कथित तौर पर हार गए थे। 1993 में उनका नाम सीएम पद के लिए विवाद में था, लेकिन कहा जाता है कि अर्जुन सिंह (दिवंगत कांग्रेस नेता) ने दिग्विजय सिंह के नाम को आगे बढ़ाया था और सीएम बनने से चूक गए थे।
सुबह से ही यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसे ट्विटर पर साझा करते हुए भाजपा प्रवक्ता मिलन भार्गव ने दावा किया कि कमलनाथ की मीडिया टीम ने उनके जन्मदिन पर सीएम को शर्मिंदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया।