गन्ना किसानों के हक में बुधवार को केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने गन्ने का एफआरपी बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। केंद्री मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी दी है।
गन्ना किसानों को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा
गन्ना किसानों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (एफआरपी) को बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। यह 10 फीसदी रिकवरी पर आधारित होगा। अगर किसी किसान की रिकवरी 9.5 फीसदी से कम होती है तो उन्हें 275.50 रुपये प्रति क्विंटल एफआरपी मिलेंगे।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट बैठक में गन्ने पर दिए जाने वाले फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस(FRP) को बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला हुआ है। उन्होंने बताया कि यह 10 फीसदी रिकवरी पर आधारित होगा। आपको बता दें कि पहले गन्ने का एफआरपी 285 रुपये प्रति क्विंटल था। इस बार इसमें 5 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
‘अबतक 86,000 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि 2020-21 में गन्ना किसानों को 91,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना था जिसमें 86,000 करोड़ का भुगतान हो गया है। ये दिखाता है कि केंद्र सरकार की योजनाओं के कारण अब गन्ना किसानों को पहले की तरह सालों-साल अपने भुगतान के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता है। बता दें कि सरकार हर साल गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले केंद्र सरकार एफआरपी की घोषणा करती है। मिलों को यह न्यूनतम मूल्य गन्ना उत्पादकों को देना होता है।
एफआरपी क्या है?
चीनी मिलों को किसानों से गन्ना जिस न्यूनतम मूल्य पर खरीदना होता है उसे एफआरपी कहते हैं। कमीशन ऑफ एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेज (सीएसीपी) हर साल एफआरपी की सिफारिश सरकार से करता है। सीएसीपी गन्ना सहित प्रमुख कृषि उत्पादों की कीमतों के बारे में सरकार को अपनी सिफारिश भेजती है। उस पर विचार करने के बाद सरकार उसे लागू करती है।