पूरी दुनिया को कोरोना में फंसाकर आसमानी दुनिया के रहस्य जानने के लिए चीन ने पहली बार मंगल ग्रह पर अपना पहला सेटेलाइट आज लॉन्च कर दिया है। चीन इस लॉन्चिंग के बाद एशिया में दूसरे नंबर का देश बन गया है। इससे पहले 2014 में भारत ने सबसे पहले मंगल ग्रह पर कदम रखा था।
चीन ने मंगल ग्रह के लिए अपने पहले मिशन तिआनवेन1 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। चीन का सबसे हैवी रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 Y4 इस अंतरिक्ष यान को लेकर रवाना हुआ। चीनी मंगल यान तिआनवेन 1 को दक्षिण चीन के हेनान प्रांत के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर से रवाना किया गया। चीन का अंतरिक्ष यान करीब 7 महीने की यात्रा के बाद फरवरी 2021 में मंगल ग्रह के गुरुवत्वाकर्षण वाले इलाके में प्रवेश कर जाएगा। यह अंतरिक्ष यान अपने साथ एक रोवर ले गया है जो मंगल की सतह पर लैंड करेगा।
चीन का यह मिशन अगर सफल रहता है तो यह मानव के इतिहास में पहली बार में मंगल की कक्षा में चक्कर लगाने, लैंडिंग करने और रोवर के चक्कर लगाने का एक ही मिशन में पहला अभियान होगा। चीन ने कहा है कि इस मिशन का लक्ष्य मंगल की सतह पर किन जगहों पर बर्फ है, इसका पता लगाना। इसके अलावा सतह की संरचना, जलवायु और पर्यावरण के बारे में पता लगाना है।चीन ने इससे पहले मंगल ग्रह को लेकर 2011 में एक मिशन को लॉन्च किया था। जिसमें उसने रूस का भी सहयोग लिया था। लेकिन, यह मिशन फेल हो गया था।
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इस मिशन को लेकर चीन का कहना है कि, जो काम आज तक कोई नहीं कर सका वो चीन मंगल ग्रह पर करेगा। चीन का दावा है कि, वो कई रहस्य सामने ला सकता है। और मंगल ग्रह पर दूसरू दुनिया बसा सकता है।