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Ahoi Ashtami 2022: इस कुंड में स्नान करने से निसंतान दंपत्ति की भरेगी गोद, जानिए क्या है मान्यता

1375197 Ahoi Ashtami 2022: इस कुंड में स्नान करने से निसंतान दंपत्ति की भरेगी गोद, जानिए क्या है मान्यता

अमित गोस्वामी Ahoi Ashtami 2022: इस कुंड में स्नान करने से निसंतान दंपत्ति की भरेगी गोद, जानिए क्या है मान्यताअमित गोस्वामी, मथुरा

Ahoi Ashtami 2022: राधाकुंड भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह गोवर्धन परिक्रमा में एक प्रमुख पड़ाव है।

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मान्यता के अनुसार बचपन में अपने मित्रों के साथ भगवान श्रीकृष्ण गोवर्धन में गौचारण करते थे। एक बार इस दौरान अरिष्टासुर ने गाय के बछड़े का रूप धरके भगवान श्रीकृष्ण पर हमला करना चाहा, परंतु श्रीकृष्ण ने उसका वध कर दिया। बताया जाता है कि राधा कुंड क्षेत्र श्रीकृष्ण से पूर्व राक्षस अरिष्टासुर की नगरी अरीध वन थी। अरिष्टासुर से ब्रजवासी खासे तंग आ चुके थे। जिस के चलते श्रीकृष्ण ने उसका वध किया दिया था।

राधाकुंड में होगा संतान की प्राप्ति को दंपती स्नान - radha kund fair on ahoi ashtmi

जब श्री कृष्ण ने राधा रानी को उसके वध की बात बताई तो राधा जी ने उन्हें कहा क्योंकि आपने असुर का वध गौवंश के रूप में किया है, इसलिए आप पर गौवंश हत्या का दोष व पाप लगेगा। राधा जी से इतना सुनते ही श्री कृष्ण ने अपनी बांसुरी से एक कुंड खोदा और उसमें स्नान किया। इस पर राधा रानी ने भी बगल में अपने कंगन से एक दूसरा कुंड खोदा और उसमें स्नान किया। धार्मिक शास्त्रों में किए वर्णन के अनुसार श्रीकृष्ण द्वारा खोदे गए कुंड को श्‍याम कुंड और राधा जी द्वारा कुंड को राधा कुंड के नाम से जाना जाता है।

Radha Kund Lake, Govardhan | DestiMap | Destinations On Map

ब्रह्म पुराण व गर्ग संहिता के गिर्राज खंड के अनुसार श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि जो भी निसंतान दंपति अहोई अष्टमी की रात यहां स्नान करेगा, उसे सालभर के भीतर संतान की प्राप्ति होगी।

आभार और अनुरोध का संगम बनता राधाकुंड
यहां हर आंखें बरसती हैं। किसी की आंखें खुशी में तो किसी की वेदना में। जलस्वरूपा राधारानी के वरदान का सागर राधाकुंड, आभार और अनुरोध का संगम नजर आता है। आंचल फैलाती ममता के मुंह से बस एक ही करुण पुकार सुनाई देती है कि हे राधारानी, मेरी भी सूनी झोली भर दो। दुनिया भर का दर्द समेटे दंपति राधाकुंड में विश्वास के गोते लगाते नजर आएंगे। 17 अक्तूबर को अहोई अष्टमी का व्रत कर आधी रात को राधाकुंड में संतान सुख की कामना लिए विश्वास के गोते लगाएंगे। इसके लिए राधाकुंड भी अपनी सुंदरता पर इठलाएगा।

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धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार अहोई अष्टमी पर राधाकुंड में आधी रात स्नान करने वाले दंपती को संतान की प्राप्ति होती है। स्नान के उपरांत एक पसंदीदा फल छोड़ने का विधान है तो पेठा फल का दान भी परंपरा में शामिल है। तमाम देशी और विदेशी दंपती यहां आकर अपना आंचल फैलाएंगे। वहीं संतान की सुख प्राप्त करने वाले दंपती इस रात राधारानी का आभार जताने के लिए भी स्नान करेंगे। पंडित बाल कृष्ण उपाध्याय के अनुसार मान्यता है कि निसंतान दंपति कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्य रात्रि राधाकुंड में स्नान करते हैं तो जल्द ही उनके घर बच्चे की किलकारियां गूंजने लगती हैं।

अहोई अष्टमी पर राधा कुंड में स्नान का है विशेष महत्व, मिलता है आशीर्वाद | Bathing in Radha Kund on Ahoi Ashtami has special significance, gets blessings

श्रीकृष्ण ने दिया था राधारानी को वरदान
दुनिया भर की चिकित्सा से निराश दंपति जब जल स्वरूपा राधारानी के दरबार में अपना आंचल फैलाते हैं तो दरबार सजाए बैठी राधारानी अपना आशीष भरा हाथ उनके सर पर फेरती हैं। यह विश्वास उन सूनी आंखों में चमक बिखेर देता है, जब बगल में बैठे दंपति अपनी संतान के साथ कृपा का आभार प्रकट करने को गोते लगाते हैं। यह विश्वास ही है, जो हर साल दंपति की संख्या में इजाफा कर देता है। यह स्नान राधाकुंड में 17 अक्तूबर को रात 12 बजे होगा। तमाम भक्त शाम आठ बजे से ही घाटों पर बैठ जाते हैं।

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